

बीकानेर जिले के कोलायत और बज्जू क्षेत्र में 1400 बीघा भूमि के फर्जी आवंटन का खुलासा हुआ है। यह भूमि पूर्व सैनिकों, महाजन फायरिंग रेंज के विस्थापितों और अन्य पात्र व्यक्तियों के लिए आरक्षित थी, लेकिन इसे गलत तरीके से आवंटित कर दिया गया। अनुमान है कि आगे 5,000 से 6,000 बीघा भूमि के फर्जीवाड़े का और खुलासा हो सकता है।
विधानसभा में उठा मामला
कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने सोमवार को विधानसभा में यह मामला उठाया। जवाब में राजस्व एवं उपनिवेशन मंत्री हेमंत मीणा ने स्वीकार किया कि बज्जू और कोलायत में जमीनों का गलत आवंटन हुआ है। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जांच कमेटी करेगी कार्रवाई
राजस्व मंत्री ने बताया कि 69 मामलों में 1400 बीघा कृषि भूमि का गलत आवंटन हुआ है। इस पर जिला कलेक्टर के नेतृत्व में 14 मार्च को एक जांच कमेटी गठित की गई है, जो इन आवंटनों की समीक्षा कर फर्जी आवंटनों को निरस्त करेगी और दोषियों पर कार्रवाई करेगी।
सरकारी जमीनें सोलर कंपनियों को बेची गईं
विधायक भाटी ने आरोप लगाया कि उपनिवेशन अधिनियम 1975 के तहत प्रतिबंध के बावजूद 10 जुलाई 2023 को बज्जू में 1374 बीघा भूमि का टीसी (टemporary Cultivation) आवंटन हुआ, और 27 जुलाई 2023 को बीकमपुर सहित 1667 बीघा भूमि का पुख्ता आवंटन कर दिया गया। इस भूमि को भूमाफियाओं ने रजिस्ट्री करवाकर सोलर कंपनियों को बेच दिया।
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पूगल से भी बड़ा घोटाला
विधायक भाटी ने दावा किया कि यह घोटाला पूगल और छतरगढ़ में हुए 10,000 बीघा भूमि फर्जीवाड़े से भी बड़ा है। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भूमाफियाओं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
पत्रिका की रिपोर्टिंग से खुलासा
राजस्थान पत्रिका वर्ष 2021 से इस फर्जीवाड़े की खबरें प्रकाशित कर रहा है। इसके बाद पूगल और छतरगढ़ में घोटाले का पर्दाफाश हुआ था, जिसमें दो उपखंड अधिकारियों समेत 17 कार्मिकों को निलंबित किया गया था।