


जयपुर। राजस्थान सरकार ने ‘गरीबी मुक्त राजस्थान’ की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए “पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीब मुक्त गांव योजना” की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बजट 2025-26 के दौरान इस योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य राज्य के 5000 गांवों को गरीबी मुक्त बनाना है। इस योजना के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
योजना की प्रमुख बातें:
✅ 5,000 गांवों के बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने का लक्ष्य।
✅ स्वरोजगार, कौशल विकास, वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
✅ 300 करोड़ रुपये की राशि से पहले चरण में योजना लागू होगी।
कैसे मिलेगा लाभ?
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सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के अनुसार, योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
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पहले चरण में 5,000 गांवों का चयन किया जाएगा, जहां रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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सरकार का लक्ष्य गांवों में बीपीएल परिवारों को सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर बनाना है।
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इस योजना के तहत गरीब परिवारों को वित्तीय सहयोग, स्वरोजगार के अवसर और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।
गरीबी मुक्त राजस्थान का सपना
राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और राजस्थान को गरीबी मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बजट सत्र में यह स्पष्ट किया कि योजना का उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्थायी विकास के मार्ग पर ले जाना है।
सरकार इस योजना को आने वाले वर्षों में और अधिक गांवों तक विस्तारित करने की योजना बना रही है।