


नागपुर में हुई हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे पूर्व नियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
कैसे भड़की हिंसा?
सोमवार को नागपुर के महाल और हंसपुरी इलाकों में हिंसा भड़क उठी। सुबह विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और एक प्रतीकात्मक कब्र को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिससे स्थिति शांत हो गई।
हालांकि, दोपहर में एक अफवाह फैली कि जलाए गए प्रतीकात्मक कब्र पर धार्मिक संदेश लिखा हुआ था। शाम होते-होते सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। देखते ही देखते 200-300 लोगों की भीड़ ने पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी।

पुलिस पर हमला और नुकसान
- हंसपुरी इलाके में उपद्रवियों ने लाठी-डंडों से हमला किया, वाहनों को आग लगा दी।
- भालदारपुरा इलाके में भीड़ ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
- हिंसा में 1 क्रेन, 2 जेसीबी और कई चारपहिया वाहन जला दिए गए।
33 पुलिसकर्मी घायल, कर्फ्यू लागू
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें 3 DCP रैंक के अधिकारी शामिल हैं। एक DCP पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया।
- Advertisement -
- 5 नागरिक भी घायल हुए, जिनमें से 2 की हालत गंभीर बनी हुई है।
- स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए 11 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।
- नागपुर में SRPF की 5 टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं।
सख्त कार्रवाई का ऐलान
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि हिंसा करने वालों की जाति या धर्म नहीं देखा जाएगा, बल्कि हर उपद्रवी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने नागपुर की जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।