


जयपुर। राजस्थान में मनरेगा श्रमिकों के जीवन स्तर में बढ़ोतरी के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इन श्रमिकों की मजदूरी की पुरानी दरों में 5 रुपए की बढ़ाेतरी की है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत राजस्थान में नियोजित मेट की प्रति दिवस मजदूरी में बढ़ोतरी की गई है। प्रदेश में कार्यरत मेटों को अब प्रति दिवस 240 रूपए मिलेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मजदूरी बढ़ाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
गहलोत की मंजूरी से वर्ष 2022-23 हेतु मनरेगा योजनान्तर्गत नियोजित मेटों की मजदूरी दर 235 रूपए प्रति दिवस से बढ़ाकर 240 रूपए प्रति दिवस की गई है।
उल्लेखनीय है कि मनरेगा में केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अर्धकुशल श्रमिकों (मेट) पर किए गए व्यय को सामग्री की श्रेणी में माना जाता है। सामग्री व्यय का 75 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा तथा 25 प्रतिशत राजस्थान सरकार द्वारा वहन किया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य के लिए प्रतिवर्ष अकुशल श्रमिक की मजदूरी दर अधिसूचित की जाती है। अकुशल श्रमिक के भुगतान की सम्पूर्ण राशि श्रम मद में केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है। अब मनरेगा के सभी निर्माण कार्यों में मेट को जल्द ही बढ़ी हुई मजदूरी मिलेगी।
राज्य सरकार मनरेगा में श्रमिकों की मजदूरी प्रति वर्ष तय करती है। कोरोना काल में निर्माण कार्य बंद होने के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित श्रमिक ही हुए थे। तभी से सरकार श्रमिकों को राहत देने की तैयारी कर रही थी। पंचायती राज विभाग ने बीते दिनों मजदूरी बढ़ाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था जिसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंजूरी दे।
