



सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को स्पष्ट निर्देश दिया कि चुनाव के बाद EVM का डेटा नष्ट न किया जाए। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोई भी डेटा न हटाया जाए और न ही दोबारा लोड किया जाए।
CJI ने पूछा – डेटा क्यों हटाया गया?
सुनवाई के दौरान CJI संजीव खन्ना ने चुनाव आयोग से यह सवाल किया कि EVM का डेटा क्यों हटाया गया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि EVM की जली हुई मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर से संबंधित प्रक्रिया की जानकारी दी जाए।
इंजीनियर दे सकते हैं स्पष्टीकरण
CJI ने कहा कि यदि हारने वाला प्रत्याशी स्पष्टीकरण चाहता है, तो इंजीनियर यह प्रमाणित कर सकते हैं कि ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के इंजीनियरों ने ईवीएम में डमी प्रतीक और डेटा लोड कर दिया था, जिससे मूल डेटा डिलीट हो गया।

याचिका में क्या मांग की गई?
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), हरियाणा और कांग्रेस नेताओं के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह मांग की थी कि:
EVM की मूल जली हुई मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर की जांच की जाए।
चुनाव आयोग इसके सत्यापन के लिए स्पष्ट नीति बनाए।
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अदालत का सख्त रुख
कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि EVM डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। अब चुनाव आयोग को इस पर विस्तृत जवाब देना होगा।