



मोदी के दौरे से पहले ट्रंप का बड़ा फैसला, अडाणी पर लगे FCPA कानून को किया निरस्त
वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ठीक पहले एक अहम फैसला लिया है। ट्रंप ने विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी पर 2200 करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। ट्रंप ने इस कानून को ‘अमेरिकी व्यापार के लिए नुकसानदायक’ बताते हुए खत्म करने की घोषणा की।
ट्रंप ने कानून खत्म करने का क्या कारण बताया?
ओवल ऑफिस में नए आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “FCPA एक भयानक कानून था, जिसे लागू करने के कारण दुनिया अमेरिका पर हंस रही थी। अब इस कानून को खत्म करने से अमेरिका में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।” ट्रंप का कहना है कि यह कानून अमेरिकी व्यापारियों के लिए विदेशों में व्यापार करना मुश्किल बना रहा था।
क्या है FCPA कानून?
FCPA (Foreign Corrupt Practices Act) को 1977 में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकना था। यह कानून अमेरिका की व्यावसायिक नैतिकता को बनाए रखने के लिए एक मजबूत आधार बना था, लेकिन अब ट्रंप ने इसे निरस्त कर दिया है।

अडाणी पर लगे थे आरोप
गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और अन्य सहयोगियों पर अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने भारत में सोलर प्रोजेक्ट से जुड़े सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का वादा किया था। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था और कानूनी रूप से लड़ने की बात कही थी।
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मोदी के दौरे से पहले आया फैसला
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात डोनाल्ड ट्रंप से होगी और वे कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। ट्रंप के इस कदम से भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।