



बीकानेर में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र और इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच एक अनोखा समझौता (MoU) हुआ है, जिसके तहत देश में पहली बार इंजीनियरिंग छात्र गधों और घोड़ों पर रिसर्च करेंगे। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अश्वों के स्वास्थ्य, खानपान और प्रजनन क्षमता में सुधार करना है।
क्या है रिसर्च प्रोजेक्ट?
- छात्र एआई (AI) आधारित डिवाइस विकसित करेंगे, जो पशुओं के स्वास्थ्य और खानपान की निगरानी करेगी।
- स्मार्ट सेंसिंग सिस्टम बनाया जाएगा, जिससे गधों और घोड़ों की दिनचर्या और पोषण संबंधी जानकारी एकत्र की जा सकेगी।
- इलेक्ट्रॉनिक्स, एंबेडेड सिस्टम और IoT तकनीक का उपयोग कर प्रजनन क्षमता और कार्यक्षमता में सुधार करने के प्रयास किए जाएंगे।
कैसे होगा काम?
चार चरणों में विकसित होगी टेक्नोलॉजी:
- सेंसिंग सिस्टम: जानवरों के खानपान और गतिविधियों की निगरानी।
- माइक्रो कंट्रोलर: डेटा प्रोसेसिंग और कंट्रोल सिस्टम।
- आउटपुट यूनिट: एनालिटिक्स और मॉनिटरिंग।
- डाटा प्रोसेसिंग: एआई-आधारित निर्णय लेने की प्रणाली।
शिक्षा और रिसर्च में नई पहल
बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य ओपी जाखड़ ने बताया कि यह एमओयू नवाचार और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद कुट्टी और इलेक्ट्रॉनिक विभागाध्यक्ष पूजा भारद्वाज की देखरेख में छात्रों की टीम इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी।

नई शिक्षा नीति के तहत महत्वपूर्ण कदम
बीटीयू बीकानेर के कुलपति प्रो. अजय शर्मा के अनुसार, यह प्रोजेक्ट कृषि और पशुपालन को उद्योग से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल नॉलेज मिलेगा और पशुपालन क्षेत्र में नई तकनीकों का विकास होगा।