


बीकानेर । रानी बाजार स्थित सेमूनौ इंस्टीट्यूशन में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय व भारत सरकार के सहयोग से कथावाचन हुआ। जिसमे संगीत और नाटकीयता के प्रयोग के जरिए प्रियदर्शीनी मिश्रा के निर्देशन में नाटक अनोखा पेड़ का प्रदर्शन हुआ । अनोखा पेड़ एक ऐसे बच्चे की कहानी हैं, जो अपनी कल्पनाओं में गुलगुले के पेड़ की आशा करता है ,इसी आशा के साथ वह मां के हाथों के बनाए 7 गुलगुले में से एक गुलगुले को जमीन पर रोप देता है ।उसकी आशा स्वरूप वह गुलगुले का बीज प्रस्फुटित होता है और एक बड़ा वृक्ष बन जाता है। इसमें ही में तले हुए गुलगुले फल स्वरुप लगते हैं इसी बीच उसका सामना एक ऐसी डायन से होता है जो उसे पकड़ कर खाने की आशा रखती है लेकिन दो बार पकड़े जाने के बाद भी वह बच्चा अपनी सूझबूझ से उसके चंगुल से निकलकर वापस आ जाता है। वापस आकर अपने पेड़ पर मजे से गुलगुले खाने लगता है । नाटक के माध्यम से यह समझाया गया है कि बच्चों को कला कल्पनाओं में जीना चाहिए इसमें बच्चों की सृजनात्मकता में निखार आता है गगनजी मिश्रा ने बताया की रचनाकार विजयदान देथा बाल लोककथा पर आधारित लोक नाटक की प्रस्तुती हुई। सेमूनौ की संस्थापक डॉ. नीलम जैन ने बताया की इस कार्यक्रम में सेमूनौ स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा व्यंग लेख हरिशंकर परसाई द्वारा लिखी भोलाराम के जीव का नाटक मंचन भी हुआ जिसमे बताया की देश व समाज में किया ऐसी अव्यस्था जिसके कारण भोला राम का जीव वही अटका है।इस राष्ट्रीय बाल नाटयोत्सव के मुख्य अतिथि श्री हरीश बी. शर्मा थे जिन्होने बताया की विद्यार्थी अपना लक्ष्य निर्धारित करें और संकल्प करें कि लक्ष्य को हासिल हो।कुछ भी हासिल करना है तो संकल्प लेना बहुत जरूरी है जीवन में गलत को बर्दाश्त मत करो गलत के विरोध में आवाज उठाओ मानव जन्म का उद्देश्य क्या है इसका जवाब ढूंढो। कत्थक के ख्याति प्राप्त मीना जी जोशी ने बताया कि हमें सब कुछ प्रकृति से ही मिला है यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमें उसे सहेज कर रखना है। किरण गौड़ सदस्य किशोर न्याय बोर्ड बीकानेर ने बताया कि बच्चे हमारे भविष्य के धरोहर हैं। संपत जी जैन ने आज वे सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया डॉ. नीलम जैन ने बताया की सेमूनौ के विधार्थियो ने कार्यक्रम में भूत उत्साहपूर्ण भाग लिया। संचालन सोनम सुराना ने किया।
