DoT: हर कॉल पर दिखेगा असली नाम, CNAP सेवा जल्द होगी लागू
दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा को शीघ्र लागू करने का निर्देश दिया है। इस सेवा के तहत, हर इनकमिंग कॉल पर कॉलर का असली नाम प्रदर्शित किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्पैम और फर्जी कॉल्स पर रोक लगाना और कॉल रिसीव करने वाले उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है।
CNAP सेवा का उद्देश्य
इस सेवा का मुख्य लक्ष्य स्पैम और घोटाले से संबंधित कॉल्स को नियंत्रित करना है। CNAP के जरिए, कॉल रिसीव करने वाले उपयोगकर्ता को कॉलर की पहचान पहले ही मिल जाएगी, जिससे उन्हें कॉल उठाने या अस्वीकार करने का निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
तकनीकी प्रगति और चुनौतियां
- इंट्रा-सर्कल कॉल्स (सर्कल के भीतर): टेलीकॉम ऑपरेटरों ने इस पर पूरी तरह से काम पूरा कर लिया है।
- इंटर-सर्कल कॉल्स (सर्कल के बाहर): इसके लिए तकनीकी परीक्षण अभी भी जारी है।
- 2G नेटवर्क: CNAP को 2G नेटवर्क पर लागू करना संभव नहीं होगा, क्योंकि यह तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है।
टेलीकॉम अधिकारियों ने कहा कि, “सर्कल के भीतर कॉल्स पर CNAP सेवा प्रभावी है, लेकिन सर्कल के बाहर की कॉल्स के लिए परीक्षण जारी हैं। जैसे ही तकनीकी समस्याएं हल होंगी, इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।”
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TRAI का रुख
TRAI ने 2022 में CNAP को अनिवार्य करने का सुझाव दिया था। इसके तहत, टेलीकॉम कंपनियों और हैंडसेट निर्माताओं को कॉलर के नाम दिखाने की सुविधा को सक्षम बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
गोपनीयता की चिंताएं
- नाम साझा करने में असहमति: कुछ उपयोगकर्ता अपना नाम सार्वजनिक करने के लिए तैयार नहीं हो सकते।
- मौजूदा विकल्प: Truecaller जैसे मोबाइल ऐप्स पहले से ही यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
विशेषज्ञों ने बताया कि इस सेवा को अनिवार्य बनाना, गोपनीयता और सहमति जैसे मुद्दों को जन्म दे सकता है।
क्या होगा अगला कदम?
DoT ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को CNAP सेवा को शीघ्र लागू करने का निर्देश दिया है। हालांकि, इसे लागू करने से पहले सभी तकनीकी और गोपनीयता से जुड़े मुद्दों को हल करना जरूरी होगा।
यह सेवा, यदि सफलतापूर्वक लागू होती है, तो न केवल कॉलिंग अनुभव को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि उपयोगकर्ताओं को बेहतर सुरक्षा भी प्रदान करेगी।