जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक राजस्व अधिकारी को तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी अधिकारी की पहचान युवराज मीणा के रूप में हुई है, जो अलवर नगर निगम में यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी की फाइल आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत मांग रहा था।
शिकायतकर्ता ने ACB में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि युवराज मीणा ने डेटा कलेक्शन रिपोर्ट को वेरिफाई करने के बदले रिश्वत की मांग की थी। ACB ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया और आरोपी को पकड़ लिया।
अधिकारी और दलाल दोनों गिरफ्तार: ACB के एएसपी अभिषेक पारीक ने बताया कि युवराज मीणा ने कंपनी से फाइल वेरिफिकेशन के बदले पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मंगलवार को कंपनी के प्रतिनिधि ने विधानसभा गेट के पास तीन लाख रुपये दिए, और जैसे ही पैसे का आदान-प्रदान हुआ, एसीबी की टीम ने दोनों को पकड़ लिया।
युवराज मीणा कैसे हुआ ट्रैप? युवराज मीणा ने अपने साथ दलाल मुकेश को लेकर विधानसभा गेट के पास रिश्वत लेने की योजना बनाई थी। जैसे ही कंपनी के प्रतिनिधि ने तीन लाख रुपये दिए, एसीबी ने मुकेश को पकड़ लिया और कुछ दूरी पर युवराज मीणा को गिरफ्तार कर लिया।
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रिश्वत मांगी थी फाइल वेरिफिकेशन के लिए: ACB अधिकारियों के अनुसार, युवराज मीणा जानबूझकर फाइल को आगे बढ़ाने में देरी कर रहा था और वेरिफिकेशन के लिए कुल पांच लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। तीन लाख रुपये की पहली किस्त के रूप में इस राशि को देने पर यह कार्रवाई की गई।
ACB का संदेश: ACB ने स्पष्ट किया है कि उनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। एएसपी अभिषेक पारीक ने जनता से अपील की है कि यदि किसी अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगी जाए तो इसकी सूचना तुरंत ACB को दी जाए, ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके।