चेतना को बचाने का 165 घंटे का रेस्क्यू, अब तक का सबसे बड़ा अभियान
कोटपूतली: राजस्थान के कोटपूतली क्षेत्र में कीरतपुरा की ढाणी बड़ियावाली में खुले बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय बालिका चेतना को बचाने का रेस्क्यू अभियान इस साल का प्रदेश का सबसे बड़ा अभियान बन गया है। अब तक 165 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन चेतना को सुरक्षित निकालने के लिए प्रयास जारी हैं।
इससे पहले, गंगापुर सिटी के बामनवास में 122 घंटे का रेस्क्यू अभियान हुआ था, जो अब तक का सबसे लंबा माना गया था। चेतना को बचाने के लिए प्रशासन, एसडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर काम कर रहे हैं।
2024 में चार बड़े रेस्क्यू अभियानों की कहानी
इस साल राजस्थान में बोरवेल में गिरे लोगों को बचाने के चार प्रमुख अभियान हुए हैं:
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- कीरतपुरा, कोटपूतली: चेतना की जिंदगी बचाने के प्रयास जारी हैं।
- गंगापुर सिटी: 7 फरवरी को महिला गिरी, लेकिन 12 फरवरी तक के रेस्क्यू में उसे बचाया नहीं जा सका।
- दौसा, नांगल राजावात: 9 दिसंबर से 12 दिसंबर तक चला अभियान, लेकिन आर्यन की मौत हो गई।
- बांदीकुई: 18 सितंबर को नीरू गुर्जर को 10 घंटे के रेस्क्यू में सुरक्षित बचा लिया गया।
तकनीकी चुनौतियां बनीं बाधा
रेस्क्यू अभियानों में कई बार तकनीकी कठिनाइयों के कारण समय बढ़ जाता है। एसडीआरएफ के सहायक कमांडेंट योगेश कुमार मीणा ने बताया कि चेतना को बचाने के लिए हर संभव तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
गंगापुर और दौसा में दुखद अंत
गंगापुर सिटी के बामनवास में 7 फरवरी को एक महिला बोरवेल में गिरी थी। 122 घंटे चले रेस्क्यू अभियान के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। इसी तरह, दौसा के नांगल राजावात में तीन दिन के अभियान के बाद भी मासूम आर्यन की मौत हो गई।
बांदीकुई की सफलता
18 सितंबर को बांदीकुई में ढाई साल की मासूम नीरू गुर्जर बोरवेल में गिर गई थी। प्रशासन ने तेजी से काम करते हुए 10 घंटे के भीतर उसे सुरक्षित बचा लिया।
चेतना की जिंदगी बचाने की उम्मीद
कीरतपुरा में तीन वर्षीय चेतना को बचाने के लिए अभियान जारी है। प्रशासन और बचाव दल का कहना है कि वे उसे सुरक्षित निकालने के लिए पूरी ताकत से जुटे हुए हैं।