अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की उम्र में रविवार देर रात जॉर्जिया स्थित उनके घर पर निधन हो गया। राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी खो दिया है।”
जिमी कार्टर अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति थे। उन्होंने भारत-अमेरिका के संबंधों को एक नई दिशा दी और हरियाणा के दौलतपुर नसीराबाद गांव से उनका विशेष नाता था। उनकी मां लिलियन ने 1960 के दशक में इस गांव में स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में कार्य किया था। 1978 में भारत दौरे पर जिमी कार्टर और प्रथम महिला रोजलिन कार्टर ने इस गांव का दौरा किया। उनकी यात्रा के बाद गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी कर दिया गया।
कार्टर ने भारत दौरे के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ दिल्ली घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई। इसके बाद दोनों देशों ने ऊर्जा, तकनीकी सहयोग, अंतरिक्ष, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी विकसित की।
जिमी कार्टर को उनके मानवता के लिए किए गए कार्यों के लिए 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद उन्होंने ‘कार्टर सेंटर’ की स्थापना की, जिसने वैश्विक स्वास्थ्य, मानवाधिकार और शांति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।