साइबर ठगों का नया हथकंडा
साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाते हुए ई-मित्र संचालकों को निशाना बनाया है। ये ठग ऑनलाइन पेमेंट पर ज्यादा कमीशन का लालच देकर संचालकों के मोबाइल में खुद का ऐप डाउनलोड करा रहे हैं। अलवर जिले में इस नए तरीके से 20 से अधिक ई-मित्र संचालकों से 5 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी हो चुकी है।
कैसे दिया जाता है लालच?
ई-मित्र संचालकों को 14 रुपए प्रति 1,000 रुपए ट्रांजेक्शन के कमीशन का लालच दिया गया। प्रसून दलाल नामक युवक ने संचालकों के मोबाइल में एएफटी-पे नामक ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कराया। शुरुआत में 7-10 दिन तक पेमेंट सामान्य रूप से होता रहा, लेकिन इसके बाद पेमेंट पेंडिंग में चला गया। इसके बाद ठगों ने ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया और डेटा क्लियर कर दिया।
ठगी का तरीका और प्रभाव
- ऐप की कार्यप्रणाली: ठगों का वॉलेट ऐप 7-10 दिन तक सही काम करता है।
- डेटा क्लियर: कुछ दिनों बाद ठग ऐप को प्ले स्टोर से हटा देते हैं।
- प्रभाव: 20 से अधिक ई-मित्र संचालकों से लाखों रुपए की ठगी।
पुलिस में शिकायत
ई-मित्र संचालकों ने ठगी की शिकायत पुलिस को दी है। मामले की जांच जारी है और पुलिस ने संचालकों को सतर्क रहने की अपील की है।
सावधानी बरतें
- अनजान ऐप्स न करें डाउनलोड: केवल विश्वसनीय और प्रमाणित ऐप्स का ही उपयोग करें।
- लालच से बचें: ज्यादा कमीशन या लाभ के झांसे में न आएं।
- सतर्क रहें: पेमेंट पेंडिंग होने की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।