बांग्लादेश ने भारत से मांगा शेख हसीना का प्रत्यर्पण
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को राजनयिक संदेश भेजते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस लाने की मांग की है। इस संबंध में न्यायिक प्रक्रिया के लिए भारत सरकार को औपचारिक नोट भेजा गया है।
शेख हसीना का भारत में प्रवास:
शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को छात्र आंदोलन के दौरान बढ़ती हिंसा के बीच भारत चली गई थीं। इन प्रदर्शनों में कम से कम 753 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर जोर:
गृह सलाहकार जहांगीर आलम ने जानकारी दी कि प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्रालय ने आवश्यक दस्तावेज भेजे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के तहत शेख हसीना को वापस लाना संभव है।
आरोपों की लंबी सूची:
पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के खिलाफ 225 मामले दर्ज हैं, जिनमें 194 हत्या के मामले, 16 मानवता के विरुद्ध अपराध, और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं।
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इंटरपोल की मदद की योजना:
अंतरिम सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस जारी किया जाएगा ताकि शेख हसीना को जल्द से जल्द वापस लाया जा सके।
आरक्षण विवाद बना कारण:
साल 2018 में आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने के बाद बांग्लादेश में छात्र आंदोलन तेज हो गया था। 5 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने पुराने आरक्षण नियमों को बहाल करने का आदेश दिया। इस फैसले ने छात्रों में गुस्सा भड़का दिया और देशभर में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया।
हिंसा और न्याय का दबाव:
छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के लिए शेख हसीना और उनकी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया गया है। बांग्लादेश सरकार ने न्याय की प्रक्रिया को तेज करने का दावा किया है।