डिजिटल अरेस्ट: वीडियो कॉल पर ठग बनते हैं अधिकारी, गृह मंत्रालय ने जारी की चेतावनी
अलवर। डिजिटल ठगी के मामलों में नया तरीका सामने आया है जिसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जा रहा है। ठग पुलिस, सीबीआई, कस्टम ऑफिसर, या जज के रूप में वीडियो कॉल करके लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
पिछले 8-10 महीनों में देशभर में डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आए हैं। गृह मंत्रालय की एडवाइजरी में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। यदि किसी अनजान नंबर से पुलिस, सीबीआई, या कस्टम अधिकारी बनकर वीडियो कॉल आए, तो यह ठग हो सकते हैं। ऐसी किसी भी घटना की सूचना तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराएं।
कैसे करते हैं ‘डिजिटल अरेस्ट’?
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- फर्जी पहचान: ठग वॉट्सएप या वीडियो कॉल पर खुद को पुलिस, सीबीआई, कस्टम अधिकारी, या जज बताते हैं।
- विश्वास बढ़ाने की रणनीति: कॉल में थाने का सेटअप या फर्जी कोर्ट नोटिस और गिरफ्तारी वारंट दिखाते हैं।
- टॉर्चर और ठगी: कई घंटों तक कॉल पर रखकर डराते हैं और लोगों से ठगी करते हैं।
बचाव के उपाय:
- अनजान कॉल पर सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध कॉलर को तुरंत रिपोर्ट करें।
- सरकारी अधिकारियों से जुड़ी जानकारी केवल आधिकारिक माध्यमों से ही प्राप्त करें।
- साइबर ठगी से बचने के लिए गृह मंत्रालय की एडवाइजरी का पालन करें।
डिजिटल युग में ठगी के ये नए तरीके चिंताजनक हैं। सावधानी और जागरूकता से इन घटनाओं से बचा जा सकता है।