संविधान की महत्ता पर पीएम मोदी का वक्तव्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में “भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा” पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत का संविधान देश की आत्मा है और इसकी वजह से ही वह और अन्य लोग आज यहां तक पहुंच सके हैं। उन्होंने कहा:
- तीन बार प्रधानमंत्री बनना संविधान की ताकत है।
- भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि भारत न केवल बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि इसकी जड़ें समृद्ध गणतांत्रिक अतीत से प्रेरित हैं।
- महिलाओं को वोट का अधिकार संविधान के प्रारंभ से ही देना गर्व की बात है, जबकि कई देशों को ऐसा करने में दशकों लग गए।
कांग्रेस पर तीखा हमला
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर संविधान के साथ खिलवाड़ करने और लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया:
- आपातकाल का पाप: पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की आज़ादी पर ताला लगा, और देश को जेल बना दिया गया।
- संविधान में छेड़छाड़: पं. नेहरू से लेकर गांधी परिवार तक हर पीढ़ी ने संविधान में बदलाव करने की कोशिश की।
- कांग्रेस के कार्यकाल में संवैधानिक व्यवस्थाओं की बार-बार अवहेलना की गई।
पिछली सरकारों पर निशाना
प्रधानमंत्री ने 2012 में यूपीए सरकार के दौरान देश की सबसे बड़ी बिजली कटौती को याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भारत को बदनाम किया गया। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा:
- वन नेशन, वन ग्रिड: उनकी सरकार ने पूरे देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है।
- राष्ट्रीय एकता: बिजली ग्रिड और अन्य परियोजनाओं के जरिए देश को एकता के सूत्र में बांधा गया।
संविधान और लोकतंत्र की प्रशंसा
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संविधान ने देश को दिशा दी और उसकी भावना का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने संसद सदस्यों से लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की अपील की।