लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने अदाणी समूह को बड़े उद्योग सौंपने से लेकर युवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक होने तक की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि ये कदम देश के संविधान और जनता के अधिकारों के खिलाफ हैं।
प्राचीन विरासत और संविधान पर जोर
राहुल गांधी ने संविधान की जड़ों को महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर, और पंडित नेहरू के विचारों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इन विचारों की नींव भगवान शिव, गुरु नानक, कबीर और अन्य महान संतों से प्रेरित है। राहुल ने सावरकर का जिक्र करते हुए कहा कि “संविधान के मूल्यों और मनुस्मृति के विचारों में लड़ाई चल रही है।”
‘देश के युवाओं और व्यापारियों का अंगूठा काटा जा रहा’
राहुल गांधी ने एकलव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य से अंगूठा मांगकर उसे अपने अधिकारों से वंचित किया, वैसे ही आज के भारत में भी देश के युवाओं और व्यापारियों के “अंगूठे” काटे जा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि:
- धारावी का बिजनेस अदाणी को देना – छोटे व्यापारियों को उनके अधिकारों से वंचित करना।
- बंदरगाह और एयरपोर्ट का निजीकरण – ईमानदारी से व्यापार करने वालों का हक छीनना।
- लेटेरल एंट्री और पेपर लीक – युवाओं की मेहनत को नकारना।
- अग्निवीर योजना – सेना में शामिल होने के सपने देख रहे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाना।
- एमएसपी का अभाव – किसानों को निजी कंपनियों के पक्ष में नजरअंदाज करना।
जातीय जनगणना और आरक्षण पर बड़ी घोषणा
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की बात करते हुए कहा कि “हम दिखाना चाहते हैं कि किन लोगों के साथ अन्याय हुआ है।” उन्होंने 50% आरक्षण की सीमा तोड़ने का भी वादा किया।
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हाथरस दुष्कर्म का मुद्दा उठाया
राहुल ने यूपी सरकार पर हाथरस दुष्कर्म मामले में संविधान के बजाय “मनुस्मृति” लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने पीड़ित परिवार के पुनर्वास की असफलता का भी जिक्र किया।
संविधान की रक्षा का आह्वान
उन्होंने भाजपा पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया और कहा कि इंडी गठबंधन देश में संविधान की रक्षा करेगा। “हम देश में समानता, राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों की रक्षा करेंगे और नए तरीके की राजनीति की शुरुआत करेंगे।”

