पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने एक विवादित बयान देकर देशभर में बवाल मचा दिया है। इल्तिजा मुफ्ती ने ‘हिंदुत्व’ का उल्लेख करते हुए उसे एक बीमारी करार दिया और भगवान राम के नाम का अपमान करने की बात की। उनका यह बयान अब राजनीतिक बहस का कारण बन गया है।
इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि इस घटना को देखकर भगवान राम भी बेबसी और शर्म से सिर झुका लेंगे, जहां नाबालिग मुस्लिम बच्चों को केवल इस कारण चप्पल से पीटा गया क्योंकि वे राम का नाम लेने से मना कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हिंदुत्व एक बीमारी है, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है और भगवान के नाम को कलंकित किया है।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में एक लड़का चप्पल से नाबालिग बच्चों को पीटता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि रोते हुए बच्चे ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे हैं। इस वीडियो के साथ एक कैप्शन था जिसमें लिखा था कि मुस्लिम नाबालिग लड़कों पर क्रूरता से हमला किया गया और उन्हें ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया गया। वीडियो में इस घटना को मध्य प्रदेश के रतलाम जिले का बताया जा रहा है, हालांकि इसकी सत्यता की पुष्टि अभी तक नहीं की जा सकी है और न ही यह पता चला है कि यह वीडियो कब का है।
इससे पहले, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी हिंदुत्व के खिलाफ विवादित बयान दिया था। उन्होंने एक सम्मेलन में कहा था, “जिस तरह डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोनावायरस को खत्म करने की जरूरत है, उसी तरह हमें सनातन धर्म को भी खत्म करना होगा।” उनके इस बयान पर देशभर में विरोध हुआ था।
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इल्तिजा के इस बयान ने भी सियासी माहौल को गरमा दिया है, और उनके खिलाफ विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।