संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित पाक्षिक समीक्षा बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। आयुक्त ने निर्देश दिए कि बजट घोषणाओं से जुड़े भूमि आवंटन मामलों में जिला और संभाग स्तर पर कोई लंबित मामला न रहे। संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मातृ वन और नगर वन विकास पर जोर
आयुक्त ने शहर के आसपास मातृ वन या नगर वन विकसित करने के लिए वन विभाग, नगर निगम और यूआईटी को भामाशाहों के सहयोग से कार्य करने के निर्देश दिए। स्थान चिह्नित करने की समय सीमा 20 दिसंबर तय की गई है।
सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था
उन्होंने मुख्य प्रवेश मार्गों पर ट्रैफिक लाइट्स दुरुस्त करने और जरूरत पड़ने पर नए स्थानों का चिन्हीकरण करने के निर्देश दिए। लालगढ़ बस स्टैंड के पास क्षतिग्रस्त सड़क के स्थायी समाधान के लिए संयुक्त कार्यवाही की जाएगी।
स्वच्छता और जलभराव का समाधान
सीवरेज की वजह से जलभराव की समस्या पर रोक लगाने के लिए समुचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। 100 करोड़ के बजट प्रावधान का सही उपयोग करने की बात भी कही गई।
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शराब की दुकानों और अतिक्रमण पर सख्ती
आयुक्त ने निर्देश दिए कि शराब की दुकानें नियमों के विपरीत न खुलें और संबंधित सर्वे करवा लिया जाए। मुख्य बाजारों में अवैध दुकानें और ठेले नहीं लगने देने के लिए सघन अभियान चलाने को कहा गया।
ओवरलोडिंग और अवैध खनन पर कार्यवाही
ओवरलोडिंग और अवैध खनन पर सख्ती दिखाने के लिए पुलिस, खान, और परिवहन विभाग को औचक निरीक्षण के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य और सफाई पर विशेष ध्यान
डेंगू के मामलों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया। डेयरी बूथों पर दूध के अलावा अन्य सामान बेचने पर रोक लगाने और नियमित निरीक्षण के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सिंह सागर, नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष, यूआईटी सचिव अपर्णा अरोड़ा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।