वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के निचले सदन में अपने संबोधन में बताया कि अब बैंकों को पेशेवर तरीके से चलाया जा रहा है और उनके मेट्रिक्स स्वस्थ हैं। इसके बाद बैंकों को बाजार में जाकर बॉन्ड और ऋण जुटाने की स्वतंत्रता मिल गई है। साथ ही, बैंकों के व्यवसाय को उसी के अनुसार चलाने का अवसर भी प्रदान किया गया है। इस संदर्भ में, बैंकिंग कानूनों में कई बदलाव किए गए हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया गया। इस विधेयक के पारित होने से जमाकर्ताओं को अपने बैंक और सावधि जमा खातों में चार नॉमिनी जोड़ने की छूट मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “आज बैंकों को पेशेवर तरीके से चलाया जा रहा है। मेट्रिक्स स्वस्थ हैं, और अब वे बाजार में जा सकते हैं, बॉन्ड जुटा सकते हैं, ऋण जुटा सकते हैं और अपने व्यवसाय को उसी के अनुसार चला सकते हैं।”
जमाकर्ताओं को चार नॉमिनी जोड़ने की सुविधा
पहले जमाकर्ता केवल एक नॉमिनी जोड़ सकते थे, लेकिन अब वे एक ही समय में या अलग-अलग समय पर अपने बैंक खातों में चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं। यह निर्णय कोविड महामारी के दौरान उत्पन्न हुई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि खाताधारक की मृत्यु के बाद निधि वितरण को सरल बनाया जा सके।
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वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक में अनुपालन (Compliance) में आसानी, बेहतर विनियमन और बैंकिंग सेवाओं से जुड़े मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटियों के लिए 19 संशोधनों का भी प्रस्ताव किया गया है।
नियामकीय रिपोर्टिंग और बैंक निदेशक पद पर नए प्रावधान
विधेयक में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि बैंक निदेशक पद के लिए “भुगतेय राशि” की सीमा को 2 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले 5 लाख रुपये थी। साथ ही, नियामकीय रिपोर्टिंग की समयसीमा को मौजूदा दूसरे और चौथे शुक्रवार की जगह हर महीने की 15वीं और आखिरी तारीख के लिए संशोधित किया गया है।
वित्त मंत्री ने इस विधेयक में बैंक प्रशासन में सुधार और निवेशक सुरक्षा बढ़ाने पर भी जोर दिया है। यह विधेयक पहले 2023-24 के बजट भाषण में सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया गया था और अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था।
बैंकिंग कानूनों में किए गए बदलाव:
- अब जमाकर्ता चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं।
- बैंक निदेशक पद के लिए “भुगतेय राशि” की सीमा बढ़ाई गई।
- नियामकीय रिपोर्टिंग की समयसीमा में बदलाव।
- नियामक स्वतंत्रता और निवेशक सुरक्षा में वृद्धि।
इस विधेयक के पारित होने से बैंकों को और अधिक स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में सुधार संभव हो सकेगा।