अजमेर। सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से जुड़े शिव मंदिर विवाद को लेकर राजस्थान में सियासी माहौल गर्म है। भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला “चाय के प्याले में तूफान” जैसा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है और अभी प्रारंभिक चरण में है। कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है, इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इंतजार करना चाहिए।
राठौड़ ने जोर देकर कहा कि संविधान सभी को याचिका दाखिल करने का अधिकार देता है, लेकिन जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता, इस पर अटकलें लगाना सही नहीं है। उन्होंने यह बयान रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया।
उपचुनाव और मंत्रिमंडल विस्तार पर राठौड़ का रुख
उपचुनाव में उनकी भूमिका पर सवाल किए जाने पर राठौड़ ने कहा कि वह पार्टी के साधारण कार्यकर्ता हैं और उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिली, उन्होंने उसे निभाया। प्रचार से दूरी और नाराजगी की खबरों को उन्होंने गलत बताया। मंत्रीमंडल विस्तार पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का मामला है, और वे ही इसका निर्णय लेंगे।
कांग्रेस पर निशाना
कांग्रेस पर हमला करते हुए राठौड़ ने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार के कई फैसलों की सराहना की, जैसे कि राज्य की अर्थव्यवस्था को 38 हजार करोड़ तक पहुंचाना, 125 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन, धर्मांतरण और लव जिहाद रोकने के लिए विधेयक लाना, और “एक जिला, एक उत्पाद” योजना।
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पंचायती राज चुनाव और वन नेशन, वन इलेक्शन
पंचायती राज चुनाव पर उन्होंने कहा कि सरकार “वन स्टेट, वन इलेक्शन” की नीति के प्रति प्रतिबद्ध है। कांग्रेस ने 13 महीनों तक पंचायत चुनाव कराए, लेकिन अब सरकार इस प्रक्रिया को अधिक संगठित तरीके से करने की योजना बना रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी बोर्ड, निगम, या अन्य पद के लिए इच्छुक नहीं हैं।