नई दिल्ली: यूपी के संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर उपजा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मस्जिद प्रबंधन समिति ने सिविल जज के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
क्या है मामला?
19 नवंबर को संभल की चंदौसी कोर्ट में शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने का दावा किया गया था। सिविल जज सीनियर डिविजन ने उसी दिन सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया और टीम ने तुरंत सर्वे शुरू कर दिया। 24 नवंबर को भी सर्वे किया गया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। इस दौरान हिंसा में पुलिस की फायरिंग से पांच लोगों की मौत हो गई।
मस्जिद समिति की दलीलें:
- प्रक्रिया पर सवाल: समिति का कहना है कि बिना उनका पक्ष सुने सर्वे का आदेश दिया गया, जो न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
- कानूनी आधार: मस्जिद प्रबंधन ने इसे पूजास्थल अधिनियम और प्राचीन स्मारक कानून का उल्लंघन बताया है।
- सुरक्षा की मांग: समिति चाहती है कि सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए और धार्मिक विवादों में बिना दोनों पक्षों को सुने कोई आदेश न दिया जाए।
अगली सुनवाई और सुरक्षा इंतजाम:
29 नवंबर को चंदौसी कोर्ट में सुनवाई के दौरान सर्वे रिपोर्ट पेश की जाएगी। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। जुमे की नमाज के मद्देनजर भी जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
न्यायिक प्रक्रिया पर नजर:
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला निचली अदालतों में धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों के लिए मिसाल बन सकता है।