पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों द्वारा इस्लामाबाद की ओर किए जा रहे मार्च ने हिंसक रूप ले लिया है। सरकार पर चुराए गए जनादेश और 26वें संशोधन की निंदा करते हुए इमरान खान ने 24 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया था। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में अब तक छह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
हिंसा और झड़पें:
- इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने कड़े इंतजाम किए, लेकिन झड़पें भड़क उठीं।
- श्रीनगर हाईवे पर एक गाड़ी ने पाकिस्तान रेंजर्स को टक्कर मार दी, जिसमें चार जवानों की मौत हो गई और पांच घायल हुए।
- रावलपिंडी में फायरिंग और पत्थरबाजी की घटनाओं में दो अन्य सुरक्षाकर्मी मारे गए।
सेना तैनात और सख्त आदेश:
हिंसा को नियंत्रित करने के लिए इस्लामाबाद में सेना तैनात की गई है। सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं।
पुलिस पर हमला और बंधक बनाए जाने का दावा:
पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने आरोप लगाया कि पीटीआई समर्थकों ने कई पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया।
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बुशरा बीबी पर आरोप:
गृह मंत्री मोहसिन नकवी और सूचना मंत्री बुखारी ने इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है।
सरकार का रुख:
सरकार ने प्रदर्शन को देश की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। वहीं, इमरान खान के समर्थक अपनी मांगों पर अड़े हैं।
स्थिति गंभीर:
वर्तमान हालात में इस्लामाबाद में स्थिति तनावपूर्ण है, और सरकार एवं प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है।

