राजस्थान के बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा को प्रशांत विहार थाने से गिरफ्तार किया। हालांकि, गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें अग्रिम जमानत भी मिल गई।
सरकारी गवाह बनने के संकेत
जानकारी के अनुसार, लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी और तुरंत जमानत मिलने के बाद उनके सरकारी गवाह बनने की अटकलें तेज हो गई हैं। अगर ऐसा होता है, तो इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तत्कालीन गृह सचिव और अन्य अधिकारियों से पूछताछ संभव है।
याचिका वापस लेने का फैसला
गौरतलब है कि गिरफ्तारी से पहले लोकेश शर्मा ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली थी। हाईकोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति दी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हट गई। याचिका वापस लेते हुए शर्मा ने कहा था कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
2020 में राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल के दौरान कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर कुछ ऑडियो क्लिप वायरल हुई थीं। इन ऑडियो क्लिप्स को लोकेश शर्मा ने जारी किया था। इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश के आरोप लगे थे। इसके बाद शेखावत ने फोन टैपिंग के आरोप लगाते हुए दिल्ली क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें लोकेश शर्मा का नाम भी शामिल था।

