राजस्थान का बांसवाड़ा स्वर्ण खनन करने वाला चौथा राज्य बनेगा।
बांसवाड़ा में स्वर्ण खनन का रास्ता साफ
जनजाति बहुल क्षेत्र बांसवाड़ा में 114.76 मिलियन टन स्वर्ण खनन का रास्ता अब साफ हो गया है। खनन का ठेका रतलाम की एक फर्म ने 65.30 प्रतिशत बोली लगाकर लिया है। इस फर्म ने सरकार को 100 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं और एलओआइ (मंशा पत्र) के लिए आवेदन भी कर दिया है। कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और झारखंड के बाद राजस्थान चौथा राज्य होगा, जहां स्वर्ण खनन का कार्य शुरू होगा।
खनन कार्य में 4 से 5 साल का समय
यह खनन कार्य घाटोल क्षेत्र के भूकिया और काकरिया में 943 हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा। फर्म का दावा है कि जैसे ही एलओआइ हासिल होगा, 6 महीने के अंदर खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, खनन कार्य के लिए आवश्यक एनओसी और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगेगा।
खनन के लिए 33 साल का समय लगा
यह स्वर्ण भंडार 1990-91 में किए गए सर्वेक्षण के दौरान मिला था, जिसमें स्वर्ण के संकेत मिले थे। इसके बाद 69.658 वर्ग किमी के तीन ब्लॉक में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और 171 बोर होल्स में 46037.17 मीटर ड्रिलिंग की गई थी। विश्लेषण के दौरान पाया गया कि 14 ब्लॉकों में लगभग 114.76 मिलियन टन सोने के भंडार मौजूद हैं।
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स्वर्ण, तांबा, निकल और कोबाल्ट का खनन
भूकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किमी क्षेत्र में स्वर्ण खनन किया जाएगा, जिसमें 1.945 ग्राम प्रति टन की दर से 114.76 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क में 222.39 टन सोना होगा। इसके साथ ही 1 लाख 74 हजार टन तांबा, 9700 टन निकल और 13500 टन कोबाल्ट भी निकाला जाएगा।
खनन के लिए अगला कदम
फर्म ने 100 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं, और अब उसे एलओआइ जारी होने का इंतजार है। इसके बाद खनन कार्य की शुरुआत की जाएगी।

