राजस्थान अब ग्रीन हाईड्रोजन उत्पादन के क्षेत्र में भी एक प्रमुख हब के रूप में उभरने जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दस वर्षों में ग्रीन हाईड्रोजन उत्पादन में 1 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश होगा, और इस क्षेत्र में लगभग 40,000 युवाओं को रोजगार मिलेगा।
राजस्थान का ग्रीन एनर्जी का प्रमुख स्थान
राजस्थान पहले ही पूरे देश में ग्रीन एनर्जी के उत्पादन में पहले स्थान पर है। अब, ग्रीन हाईड्रोजन उत्पादन में भी इसे रॉ ग्रीन एनर्जी के प्रमुख स्रोत के रूप में पहचाना जा रहा है। इस क्षेत्र में राज्य की बढ़ती भूमिका से रोजगार और आर्थिक अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के नए अवसर
ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन के लिए बड़ी संख्या में इलेक्ट्रोलाइज और कंप्रेसर की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, ग्रीन हाईड्रोजन के परिवहन के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर भी स्थापित किया जाएगा, जो और भी रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
2800 किलो टन उत्पादन के प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड
सरकार की ग्रीन हाईड्रोजन नीति के तहत 2030 तक 2 हजार किलो टन ग्रीन हाईड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शुरुआती चरण में 2800 किलो टन के उत्पादन के लिए 6 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हो चुके हैं और इतने ही प्रोजेक्ट जल्द ही पंजीकरण के लिए कतार में हैं।
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राजस्थान को घोषित किया गया फोकस एरिया
राज्य सरकार ने ग्रीन एनर्जी और ग्रीन हाईड्रोजन उत्पादन के लिए राजस्थान को एक फोकस एरिया घोषित किया है। इस क्षेत्र में विशेष ध्यान और कार्ययोजना के साथ, सरकार सभी प्रोजेक्ट्स को जल्द ही वास्तविकता में बदलने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
सुनील बंसल, अध्यक्ष, राजस्थान सोलर

