मणिपुर में हिंसा और आगजनी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सात नवंबर से अब तक लगभग 20 लोग मारे जा चुके हैं। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री और दस विधायकों के घरों को भी निशाना बनाया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने ‘ऑल आउट’ एक्शन प्लान तैयार किया है। इस योजना में केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ को मुख्य भूमिका दी गई है।
मुख्य बिंदु:
- 24 घंटे ऑपरेशन:
सीआरपीएफ और अन्य बल मिलकर विद्रोहियों को उनके ठिकानों पर दबिश देकर पकड़ेंगे। - सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई गई:
मणिपुर में सीआरपीएफ की 40 अतिरिक्त कंपनियां भेजी जा रही हैं। अब सुरक्षाबलों की कुल संख्या एक लाख के पार हो जाएगी। - ‘अफ्स्पा’ लागू:
14 नवंबर को कई क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) लागू किया गया।
सीमा पर सुरक्षा:
भारत-म्यांमार सीमा पर 1610 किमी लंबी बाड़ लगाने का काम शुरू हो चुका है। पहले चरण में 31 किमी क्षेत्र में फेंसिंग की जाएगी। सरकार ने सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FMR) को भी समाप्त कर दिया है, ताकि घुसपैठियों को रोका जा सके।
तकनीकी मदद:
सुरक्षाबलों को आधुनिक ड्रोन गन और खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई करने की योजना है।
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सुरक्षा बलों की तैनाती:
सीआरपीएफ की 40 नई कंपनियों के अलावा सेना, असम राइफल्स और अन्य बल बफर जोन में निगरानी करेंगे। हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सीमा और भीतरी इलाकों में छापेमारी तेज कर दी जाएगी।

