आयकर विभाग ने हाल ही में करदाताओं को आगाह किया है कि 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय विदेशी संपत्ति और आय का खुलासा करना अनिवार्य है। अगर कोई करदाता विदेश में मौजूद संपत्ति या अर्जित आय की जानकारी अपने रिटर्न में नहीं देता है, तो उस पर ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
विदेशी संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य:
आयकर विभाग ने हाल ही में शुरू किए गए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान के तहत करदाताओं को यह सूचना दी। विभाग ने स्पष्ट किया कि करदाताओं को विदेशी बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध, व्यवसाय में वित्तीय साझेदारी, अचल संपत्ति, कस्टोडियल खाते, इक्विटी और ऋण ब्याज जैसी विदेशी संपत्तियों की जानकारी ITR में शामिल करनी होगी।
कम आय वाले करदाताओं पर भी लागू होगा नियम:
दिशा-निर्देशों के अनुसार, भले ही किसी करदाता की आय कर योग्य सीमा से कम हो, उसे विदेशी संपत्ति (FA) और विदेशी स्रोत आय (FSI) अनुसूची को अनिवार्य रूप से भरना होगा। विभाग ने चेतावनी दी कि विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा न करने पर काला धन अधिनियम, 2015 के तहत ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
संदेश और ईमेल भेजे जाएंगे:
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि यह अभियान उन करदाताओं को लक्षित करेगा, जिन्होंने पहले ही 2024-25 के लिए अपने ITR दाखिल कर दिए हैं। ऐसे करदाताओं को संदेश और ईमेल भेजे जाएंगे, जिनके पास विदेशी संपत्ति या आय होने की जानकारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के माध्यम से प्राप्त हुई है।
- Advertisement -
अंतिम तिथि 31 दिसंबर:
CBDT ने यह भी कहा कि इस अभियान का उद्देश्य करदाताओं को याद दिलाना है कि वे 31 दिसंबर की अंतिम तिथि से पहले अपने ITR में सही विवरण दर्ज करें। इससे करदाताओं को किसी भी अनावश्यक जुर्माने से बचने में मदद मिलेगी।
सरकार का उद्देश्य:
इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और कर अनुपालन को सशक्त बनाना है। आयकर विभाग ने करदाताओं से अपील की है कि वे समय पर सही जानकारी प्रदान करें और कानून के दायरे में रहें।

