


आयकर विभाग ने करदाताओं को बकाया ब्याज माफी की राहत देने का निर्णय लिया है। यदि कोई करदाता किसी मांग नोटिस का भुगतान समय पर नहीं करता है, तो आयकर अधिनियम की धारा-220(2ए) के तहत उसे हर महीने 1% ब्याज चुकाना होता है। हालांकि, इस ब्याज राशि में माफी पाने के लिए विभाग ने कुछ खास शर्तें और अधिकारी स्तर पर अनुमतियां निर्धारित की हैं।
ब्याज माफी के लिए पात्रता की शर्तें
- वास्तविक कठिनाई: ब्याज भुगतान करदाता के लिए वास्तविक कठिनाई उत्पन्न करता है।
- बिना नियंत्रण के कारण: ब्याज में देरी का कारण करदाता के नियंत्रण से बाहर है।
- सहयोग: करदाता ने कर निर्धारण और वसूली में पूरा सहयोग दिया है।
अधिकारी और ब्याज माफी की सीमा
- प्रधान मुख्य आयुक्त: ₹1.5 करोड़ से अधिक की ब्याज माफी या छूट का अधिकार।
- मुख्य आयुक्त: ₹50 लाख से ₹1.5 करोड़ तक की माफी।
- आयुक्त: ₹50 लाख तक की माफी या छूट।
पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने का प्रयास
विशेषज्ञों का कहना है कि इन नियमों से ब्याज राहत में पारदर्शिता बढ़ेगी। शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे करदाता की परेशानी का शीघ्र समाधान हो सकेगा।
आयात-निर्यात धोखाधड़ी पर ध्यान
सीबीआईसी ने निर्यात-आयात धोखाधड़ी मामलों की जांच में गति लाने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक वर्ष में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है, जिससे कानून का अनुपालन सुनिश्चित हो सके और जांच की प्रक्रिया सुगम हो।

Disclaimer Note: यह लेख केवल सूचना हेतु है और व्यक्तिगत कर सलाह नहीं है। कर भुगतान या कर देनदारी से संबंधित निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ सलाह प्राप्त करें।