


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में संघ मुख्यालय में आयोजित शस्त्र पूजन समारोह में कहा कि संघ के लिए यह वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि RSS शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस विशेष कार्यक्रम में पूर्व ISRO प्रमुख के. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि थे, और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे प्रमुख व्यक्ति भी शामिल हुए।
भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि किसी देश की महानता उसके नागरिकों के राष्ट्रीय चरित्र पर निर्भर करती है। भारत का स्वभाव हर किसी की मदद करने का है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के हिंदुओं को भारत और दुनिया भर के हिंदुओं से मदद की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें जहाँ भी हैं, एकजुट और सशक्त होना चाहिए, क्योंकि कमजोर होना अत्याचार को आमंत्रित करने जैसा है।
उन्होंने इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इस युद्ध का व्यापक प्रभाव हो सकता है, जो दुनिया के लिए चिंता का विषय है।

साथ ही, भागवत ने पश्चिम बंगाल के आरजी कर अस्पताल की घटना की निंदा की और बिना किसी का नाम लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए इसे अपराध और राजनीति के बीच गठजोड़ का परिणाम बताया।