


अमेरिका के डेलावेयर राज्य के विलमिंगटन में आयोजित क्वाड नेताओं की बैठक में भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हुए।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक तनाव और संघर्षों के समय में क्वाड की एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि ऐसी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के पक्षधर हैं, जो कानून का सम्मान करे, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का आदर करे, और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकाले।”
भारत की भूमिका और मोदी का बयान: दक्षिण चीन सागर पर चिंता
बैठक के बाद क्वाड देशों ने दक्षिण चीन सागर पर एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें बलपूर्वक किए जा रहे सैन्य अभ्यासों और विवादित क्षेत्रों के सैन्यीकरण पर गंभीर चिंता जताई गई। चीन की तरफ़ से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के गृह नगर विलमिंगटन में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इसके साथ ही मोदी और बाइडन के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी हुई। ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रपति बाइडन के कार्यकाल का यह आखिरी क्वाड शिखर सम्मेलन हो सकता है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक की मेज़बानी के लिए बाइडन को धन्यवाद दिया और कहा, “आपके नेतृत्व में 2021 में पहली क्वाड बैठक आयोजित हुई थी, और हमने बेहद कम समय में अपने सहयोग को अनेक दिशाओं में असाधारण रूप से बढ़ाया है।”
क्वाड का गठन मुख्यतः हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को रोकने के लिए हुआ था। तब से लेकर अब तक संगठन ने ऐसे कई समझौते किए हैं, जो इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत को चुनौती देते हैं।
साझा बयान में पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर के हालात पर भी चिंता व्यक्त की गई है। इसमें कहा गया है कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए।
आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख: संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर क्वाड की सहमति
क्वाड नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में आतंकवाद और हिंसा की सभी रूपों में निंदा की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सीमापार आतंकवाद समेत उग्रवाद और हिंसा की किसी भी किस्म को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बयान में कहा गया, “हम आतंकवाद और उग्रवादी हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें सीमा पार से होने वाला आतंकवाद भी शामिल है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि ऐसे आतंकी हमलों के जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए। मुंबई 26/11 और पठानकोट हमलों की भी हम कड़ी निंदा करते हैं।”

सुरक्षा परिषद में सुधार: मोदी और क्वाड नेताओं का अहम निर्णय
क्वाड नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी, पारदर्शी, और लोकतांत्रिक बनाने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया। अपने साझा बयान में उन्होंने सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार के सदस्यों की संख्या बढ़ाने की बात की है ताकि इसे अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाया जा सके। इस सुधार की दिशा में क्वाड देशों ने एकजुट होकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की चिंता: मोदी का कड़ा संदेश
क्वाड नेताओं ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर गहरी चिंता जाहिर की है। अपने संयुक्त बयान में उन्होंने युद्ध की विभीषिका को व्यक्तिगत रूप से देखने की बात कही और इस संघर्ष के समाधान की तात्कालिकता पर जोर दिया। “हम सभी ने यूक्रेन का दौरा किया है और वहां की स्थिति को नजदीक से देखा है। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराते हैं,” बयान में कहा गया।
उत्तर कोरिया पर कड़ा रुख: क्वाड नेताओं का बयान
क्वाड ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और परमाणु हथियारों के निरंतर विकास की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के उल्लंघन का भी जिक्र किया। बयान में कहा गया, “ये उकसावे अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। हम उत्तर कोरिया से अपील करते हैं कि वह उकसावे वाली गतिविधियों से बचे और ठोस बातचीत में भाग ले।”
क्वाड: भारत के नेतृत्व में सुरक्षा और सहयोग का नया अध्याय
‘क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा वार्ता’ से लिया गया क्वाड शब्द चार देशों के बीच सुरक्षा और सहयोग को मजबूत करने का प्रतीक है। भारत के साथ अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया इस समूह का हिस्सा हैं। इसका प्रारंभ 2004 की सुनामी के बाद हुआ था, जब भारत के नेतृत्व में क्षेत्रीय राहत प्रयासों में अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया शामिल हुए। हालांकि, इसका श्रेय जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे को जाता है, जिन्होंने 2006-2007 में इसकी नींव रखी।
मोदी की द्विपक्षीय वार्ता: जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी दौरे के दौरान जापानी प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-जापान की विशेष रणनीतिक साझेदारी के दस साल पूरे होने पर संतोष व्यक्त किया। पीएम मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री को इस साझेदारी को आगे बढ़ाने में उनके समर्पण और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया।
इसके अलावा, मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ से भी मुलाकात की, जिसमें राजनीतिक, रक्षा, और आर्थिक सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, और अन्य प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, साथ ही द्विपक्षीय सहयोग को और ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई।