


नालन्दा पब्लिक सी.सै स्कूल में आयोजित कार्यक्रम कारगिल विजय दिवस उत्सव के रजत जयंती वर्ष पर छात्र/छात्राओं को संबोधित करते हुए शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने यह उद्गार व्यक्त किए। रंगा ने बताया कि भारत की सोच हमेशा से ही वासुदेव कुटुम्बकम् की रही है, यह हमारी परंपरा है, इसे कोई कमजोरी नहीं समझे। कभी भी कोई हमारी इस विरासत को हमसे तोडने का प्रयास करेगा, तो उसे मुंह की खानी पडेगी। हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जिसे हमने हमेशा हमारे छोटे भाई का दर्जा दिया। लेकिन वह हमेशा आतताई करते हुए हमारे सैनिकों को ललकारते हुए आतंकित करने का प्रयास करते है व युद्ध जैसी भावनाओं को भडकाने की कोशिश करते है। लेकिन हमारे देश के नौजवानों ने कभी भी उन्हें हावीनहीं होने दिया। बार-बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी। और जब जब भी पाकिस्तान में भारत से युद्ध किए हैं, तब तब हमारे सैनिकों ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर हमे विजयश्री दिलवाई है और पाकिस्तान को पराजय दी। रंगा ने कारगिल युद्ध की रजत जयंती वर्ष पर कारगिल युद्ध कब से कब तक के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शाला में छात्र/छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए जिसमें शाला की समृद्धी पारीक, वंदना पारीक, प्रेरणा सेवग, चंचल पुरी, केशव व्यास, आशिष पुरोहित ने सैनिकों को याद करते हुए कारगिल युद्ध के बारे में छात्र/ छात्राओं को बताते हुए देश के शहीद हुए सैनिकों को अपनी श्रृद्धांजली दी, वहीं आहिल अली ने शहीदों के सम्मान में कविता ‘अगर नियत पाक से दुध मांगोगे तो खीर भी खिला देंगे, मगर ऐ नापाक नजर से देखा मेरे देश या देश की सीमा को तो चीर कर भी रख देंगे’ गाकर सबका मन मोह लिया एवं सभी छात्र/छात्राओं को जयघोष के लिए मजबूर कर दिया।
