


राजस्थान। मानसून की रफ्तार कम पड़ी है। बारिश का यह ब्रेक सुकून देने वाला है, लेकिन, प्रदेश के 10 शहरों में अब भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, चंबल, जालोर, सिरोही और टोंक में हालात ये है कि यहां के बांध पूरी तरह से भर चुके हैं। बांधों से रोजाना पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी जलस्तर कम नहीं हो रहा है। ऐसे में अब और बारिश बड़ा संकट खड़ा कर सकती है।
उधर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सीएम अशोक गहलोत हवाई सर्वे किया। सुबह करीब 11.30 बजे कोटा पहुंचने से पहले सीएम ने बूंदी के प्रभावित एरिया का सर्वे किया। इसके बाद वे कोटा पहुंचे और एयरपोर्ट पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल से उन्होंने स्थिति पर बातचीत की। मुख्यमंत्री अब कोटा में बाढ़ इलाकों का हवाई निरीक्षण कर रहे हैं।
राजस्थान में मानसून की रफ्तार कम पड़ी है। बारिश का यह ब्रेक सुकून देने वाला है, लेकिन, प्रदेश के 10 शहरों में अब भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, चंबल, जालोर, सिरोही और टोंक में हालात ये है कि यहां के बांध पूरी तरह से भर चुके हैं। बांधों से रोजाना पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी जलस्तर कम नहीं हो रहा है। ऐसे में अब और बारिश बड़ा संकट खड़ा कर सकती है।

उधर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सीएम अशोक गहलोत हवाई सर्वे किया। सुबह करीब 11.30 बजे कोटा पहुंचने से पहले सीएम ने बूंदी के प्रभावित एरिया का सर्वे किया। इसके बाद वे कोटा पहुंचे और एयरपोर्ट पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल से उन्होंने स्थिति पर बातचीत की। मुख्यमंत्री अब कोटा में बाढ़ इलाकों का हवाई निरीक्षण कर रहे हैं।
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इसके साथ ही गुरुवार को भी 16 जिलों में बारिश का अलर्ट है। कोटा, झालावाड़ और धौलपुर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां एनडीआरएफ ने पिछले चौबीस घंटे में करीब 6 हजार लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।