Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Reading: नए आपराधिक कानूनों पर विपक्ष ने उठाए सवाल
Share
Aa
Aa
Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Search
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Follow US
Khabar21 > Blog > देश-दुनिया > नए आपराधिक कानूनों पर विपक्ष ने उठाए सवाल
देश-दुनियाराजनीति

नए आपराधिक कानूनों पर विपक्ष ने उठाए सवाल

editor
editor Published June 17, 2024
Last updated: 2024/06/17 at 7:20 PM
Share
SHARE
Share News

जुलाई 2024 से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कोलकाता में कहा कि नए आपराधिक कानून सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर लाए गए थे.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री पूरा सच नहीं बता रहे हैं.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”अर्जुन राम मेघवाल पूरा सच नहीं बता रहे हैं. तीन नए आपराधिक कानूनों को विपक्षी दलों के 146 सांसदों को सस्पेंड करने के बाद अपनी मर्जी से पास किया गया था.”

तिवारी ने कहा, ”इसका मतलब है कि ये तीन कानून संसद के एक धड़े का ही पक्ष दिखाते हैं जो संसद की ट्रेजरी बेंच पर बैठते हैं. ये समूचे संसद के सामूहिक ज्ञान को नहीं दर्शाते.”

- Advertisement -

उन्होंने कहा, “यहां तक कि गृह मामलों की स्थायी समिति के सदस्यों ने जो विपक्ष में विचार रखे थे उन्हें माना भी नहीं गया. 1 जुलाई 2024 से इन तीनों कानूनों का लागू होना भारतीय लीगल सिस्टम में पानी फेंकने के बराबर होगा.”

 

मनीष तिवारी का कहना है कि इन कानूनों को लागू होने से तब तक रोका जाना चाहिए जब तक समूची संसद इसपर विचार-विमर्श न कर ले. इन कानूनों के कुछ प्रावधान भारतीय गणराज्य द्वारा दिए गए नागरिक स्वतंत्रताओं पर आघात करते हैं.

 

दरअसल केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कोलकाता में आयोजित एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर आयोजित एक सेमीनार में अपनी बात रखी थी.

 

उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने आपराधिक कानूनों को बनाने और संसद में पास करने से पहले सभी राज्यों, भारत के मुख्य न्यायाधीश, 16 उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों, पांच कानून अकादमियों और 22 लॉ यूनिवर्सिटियों से सुझाव मांगे थे.

मेघवाल ने ये भी कहा कि सभी सांसदों और देशभर के विधायकों से भी सुझाव मांगे गए थे. ये कानून 4 सालों के गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार किए थे.


Share News

editor June 17, 2024
Share this Article
Facebook TwitterEmail Print

Latest Post

शिक्षा मंत्री को रिश्वत देने पहुंचा टीचर, लिफाफे में मिले पांच हजार
बीकानेर
बीकानेर में होगा ड्रीम टू रियलिटी 2.0, जया किशोरी आएंगी
बीकानेर
छत्तरगढ़ की नहर में मिला युवक का शव, नहीं हुई शिनाख्त
बीकानेर
कैंसर पीड़िता को मिला मुफ्त इलाज, मुख्यमंत्री ने दिखाई संवेदनशीलता
बीकानेर
“मैं रहूं या ना रहूं”: अस्पताल से सत्यपाल मलिक की भावुक अपील
राजनीति
1 जुलाई से GST रिटर्न फाइलिंग पर लगा नया समय प्रतिबंध
Business देश-दुनिया
राजस्थान में बिजली संकट पर गहलोत-नागर आमने-सामने
राजस्थान
पीबीएम अस्पताल से बोलेरो चोरी, पुलिस जांच में जुटी
crime बीकानेर

You Might Also Like

राजनीति

“मैं रहूं या ना रहूं”: अस्पताल से सत्यपाल मलिक की भावुक अपील

Published June 9, 2025
Businessदेश-दुनिया

1 जुलाई से GST रिटर्न फाइलिंग पर लगा नया समय प्रतिबंध

Published June 9, 2025
देश-दुनिया

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने 11 पाक एयरबेस तबाह किए, ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल

Published June 8, 2025
देश-दुनिया

अरामबाई की गिरफ्तारी के बाद मणिपुर में हिंसा, इंटरनेट सेवा बंद

Published June 8, 2025

© Copyright 2022, All Rights Reserved Khabar21 | Designed by Uddan Promotions Pvt. Ltd.

Join WhatsApp Group

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?