


खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच तनातनी बनी हुई है। ये मामला अभी शांत नहीं हुआ कि अब कनाडा में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का महिमामंडन किया गया। ब्रैम्पटन शहर में बकायदा एक झांकी निकाली गई और इसमें इंदिरा गांधी की हत्या का महिमामंडन किया गया। इस घटना पर दुनिया के कई देशों समेत भारत ने भी आपत्ति जताई है। भारत में कनाडा के राजदूत कैमरन मैके ने भी इस घटना की निंदा की है। मैके का कहना है कि कनाडा में हिंसा को बढ़ावा दिया जाना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा।
कैमरून मैके ने की कड़ी निंदा
भारत में कनाडा के राजदूत कैमरून मैके ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘ब्रेम्पटन में जो कुछ भी हुआ, उससे कनाडा की सरकार भली-भांति परिचित है। कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना कभी भी स्वीकार्य नहीं होगा।’ इससे पहले कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हिंसा को बढ़ावा देने वाली घटनाओं को भी कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेब्लांक ने एक्स पर लिखा ‘इस सप्ताह ऐसी खबरें आईं कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का महिमांडन किया गया। इस तरह की घटनाएं किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएंगी।’
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भारत-कनाडा के रिश्तों में तनातनी
नई दिल्ली और ओटावा के के रिश्तों में तब खटास पैदा हुई, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है। बता दें, वर्ष 2023 के जून महीने में ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उधर भारत भी लगातार आरोप लगाता रहा है कि कनाडा में चरमपंथियों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
बीते कुछ समय में कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों के प्रदर्शन देखे गए हैं। इसमें भारत विरोधी नारेबाजी भी की गई। पिछले महीने कनाडा के ऑंटोरियो स्थित गुरुद्वारे में नगर कीर्तन के दौरान भी खालिस्तान के समर्थन में और भारत के विरोध में नारेबाजी की गई। इस दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी वहां मौजूद थे। भारत ने इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज किया था।