


लोकसभा चुनावों में चुनावी नतीजों का दौर जारी है। भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को 292 तो कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को 233 सीट मिलती हुई दिखाई दे रही है। जिसके बाद दोनो ही गठबंधन अब मंथन में जुट गए है कि आखिर अंडर करंट को समझने में कहां चूक हो गयी। उदाहरण के तौर पर अमेठी से स्मृति ईरानी का हारना हो या फिर मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा से कांग्रेस के नकुलनाथ का हारना हो या फिर मेनका गांधी का हारना हो। भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में चर्चा हे कि अगर अंडर करंट का इतना करंट था तो समय रहते इसे सुधारा जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है और यहीं कारण है कि दावों पर पानी फिर गया।
वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडियागठबंधन के नेताओं में दो तरह की चर्चाएंहै। पहली चर्चा उत्साहित करने वाली है किआखिर कैसे भी एनडीए के गठबंधन के रथको 300 तक रोक लिया गया है। वहीं दूसरी यह भी है कि देश के मूड को समय रहत अगर भांप लिया जाता तो शायद परिणाम और भी अच्छे हो सकते थे।
