


बीकानेर. दो महीने से अधिक समय बीत चुका है लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण को फैलते हुए। इस दौरान हजारों गोवंश काल का ग्रास बन चुके है। दुधारू पशु देखते ही देखते बीमार होकर निढाल हो रहे हैं और पशुपालक कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। लम्पी स्किन डिजीज को लेकर जिले के 51 फीसदी ग्रामीणों का मानना है कि हालात अब भी बहुत भयावह हैं। जबकि 26 प्रतिशत लोग बताते है कि रोजाना बड़ी तादाद में गोवंश की मौत हो रही है। ग्रामीण अंचल में लम्पी स्किन को लेकर हालात, पशुपालन विभाग से मिल रहे उपचार और इससे दूध उत्पादन पर पड़े असर पर आधारित प्रश्नावली के माध्यम से सर्वे किया गया । इसमें 29 प्रतिशत ग्रामीणों ने पशुओं में फैली बीमारी से पशुपालकों पर बड़ी आर्थिक मार पड़ी होने की बात कही। साथ ही कहा कि दुधारू पशु की मौत पर पशुपालक को सरकार की ओर से आर्थिक मदद देनी शुरू की जानी चाहिए। सबसे अहम बात यह भी निकल कर आई कि पशुओं की मौत के लिए समुचित उपचार नहीं मिलने को जिम्मेदार ठहराया है।
