


भारत की सुरक्षा का लेवल बहुत जटिल है. सीमाओं और जरूरी स्थानों की सुरक्षा के लिए सटीक एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है, ताकि चीन या पाकिस्तान के किसी भी हवाई हमले को करारा जवाब दिया जा सके. इजरायल के आयरन डोम जैसी हथियार प्रणाली की जरूरत है. क्या भारत में ऐसी प्रणाली है. या नहीं.
पाकिस्तान और चीन के पास के पास कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. लंबी दूरी के रॉकेट्स हैं. कुछ तो 300 किलोमीटर की रेंज से भी ज्यादा के हैं. ये भारतीय सीमा के पास के शहरों, कस्बों और गांवों के लिए खतरा है. इजरायल का आयरन डोम कम दूरी के रॉकेट्स, आर्टिलरी गोले और बैलिस्टिक मिसाइलों को आसमान में ही खत्म कर देता है. इसलिए भारत को भी ऐसे ही रक्षाकवच की जरूरत है.
भारत की जो भौगोलिक स्थिति है. जिस तरह से उसके दुश्मन दो अलग-अलग लोकेशन पर मौजूद हैं, उसके हिसाब से भारत को बहुत बड़े पैमाने पर खतरों का सामना करना है. इन खतरों में बैलिस्टिकि, क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइलों और हथियारों का खतरा है. इसलिए भारत को ज्यादा सटीक बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) सिस्टम चाहिए. जिसमें कई तरह के लेयर हों. कम दूरी से लेकर अंतरिक्ष तक हमला करने लायक मिसाइलें
अगर विदेश से कोई तकनीक मंगवाकर लगाएंगे तो उसमें फेल होने के चांस ज्यादा है. इसलिए भारत को अपने एयर डिफेंस सिस्टम को विदेशी डिफेंस सिस्टम के साथ मिलाकर तैनात करने होंगे. भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को मल्टी लेयर बनाना होगा. जैसे- पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD), एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD) और तीसरा लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LRSAM).
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इंडियन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम
इस प्रोग्राम के तहत कई रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए डिफेंस सिस्टम बनाया गया है. इसके लिए दो लेयर वाली इंटरसेप्टर मिसाइलें बनाई गईं. ये हैं- पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD), जिसकी मिसाइलें बेहद अधिक ऊंचाई पर जाकर दुश्मन टारगेट को बर्बाद कर सकती हैं. दूसरा है एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD), इसकी मिसाइलें कम ऊंचाई वाले टारगेट्स को मार गिराने के लिए बनाई गई हैं
ये मिसाइल सिस्टम 5 हजार किलोमीटर या उससे ज्यादा दूरी से आने वाली हवाई खतरों को हवा में ही खत्म कर देती हैं. क्योंकि भारत को हमेशा से पाकिस्तान और चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों को खतरा बना हुआ है. PAD सिस्टम की मिसाइलों की रेंज 300 से 2000 किलोमीटर है. ये जमीन से 80 किलोमीटर ऊपर दुश्मन टारगेट को नष्ट कर सकते हैं. ये मिसाइलें 6174 km/hr की स्पीड से दुश्मन की तरफ बढ़ती हैं. इसमें पृथ्वी सीरीज की सभी मिसाइलें शामिल हैं.