


बीकानेर। पूर्ववर्ती सरकार की इंदिरा गांधीशहरी रोजगार गारंटी योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है। इन दोनों योजनाओं पर मंथन चल रहा है, इसके बाद ही इनका भविष्य तय होगा। मौजूदा सरकार ने हाल ही पूर्ववर्ती सरकार की इन्दिरा रसोई व मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का नाम भी बदल दिया था। पूर्ववर्ती सरकार की ओर से शहरों में साल में 125 दिन का रोजगार के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की थी, वहीं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में सामान्य क्षेत्रों में 25 दिन व सहरिया, कथौड़ी आदिवासियों के लिए 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार सालाना देने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की थी।
प्रस्ताव उच्च स्तर पर विचाराधीन

ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार योजना के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में करीब 675 करोड़ रुपए का प्रावधान है। लेखानुदान में इसके लिए संशोधित अनुमान करीब 450 करोड़ रुपए बताया गया है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए करीब 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सूत्रों के अनुसार मौजूदा राजस्थान सरकार ने बजट में इस योजना के लिए प्रावधान कर दिया हैए लेकिन इसके भविष्य पर निर्णय के लिए प्रस्ताव उच्च स्तर पर विचाराधीन बताया जा रहा है।