


बीकानेर। केंद्र सरकार की ओर से गरीब परिवारों को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन देने के लिए 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी जिससे गरीब परिवारों की महिलाओं को इस योजना से जोडकर संबल प्रदान करना था, लेकिन इस योजना में भी गड़बड़ी होने से पात्र महिलाओं को लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। इसका एक उदाहरण सियाणा निवासी कमली देवी पत्नी कुयाराम माली का है। योजना के तहत कमलीदेवी ने उज्ज्वला योजना में वर्ष 2020 में आवेदन किया था हालांकि उन्हें न तो सिलेंडर मिला और न ही चूल्हा मिला, लेकिन 7 अक्टूबर 2021 से कमलीदेवी के खाते में सिलेंडर की सब्सिडी जमा होनी शुरू हो गई। उसके बाद से उनके खाते में लगातार सब्सिडी के रुपए जमा हो रहे है। जब उज्ज्वला योजना में कनेक्शन के लिए आवेदन कि कमलीदेवी सियाणा में ही रहती थी। जब बैंक खाता चेक किया तो पता चला कि गैस सिलेंडर की सब्सिडी खाते में जमा हो रही है। इसके बाद उनके पति कुयाराम ने गैस एजेंसी से जानकारी चाही तो उन्हें बताया कि आपको आपका कनेक्शन दिया जा चुका है और आप सिलेंडर उठा रहे होंगे तभी तो सब्सिडी जमा हो रही है। एजेंसी की ओर से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है। ऐसे में ये दम्पति उज्ज्वला योजना के तहत मिले सिलेंडर और चूल्हे को तरस रहे है।
गड़बड़ी कहां से हुई, ये अभी तक गफलत कनेक्शन जारी होने के बाद यह कनेक्शन कमलीदेवी को नहीं मिलना और सब्सिडी उनके खाते में जमा होना वितरक पर सवालिया निशान खड़ा करती है। वहीं वितरक की ओर से गैस बुकिंग के लिए उपयोग में लिए जाने मोबाइल नम्बर की भी जांच करना उचित नहीं समझा गया। बुकिंग के लिए उपयोग में लिए जा रहे नम्बर से यह मालूम कर लिया जा सकता है कि बुकिंग कौन करवा रहा है।
