


Rajasthan News – जिले में पंचायत समितियों में मनरेगा से हुए कार्यों की अब नियमित सोशल ऑडिट की शुरू होने पर गड़बड़ी उजागर हो रही हैं। ग्रामीण अंचल में हुए कार्यों की सोशल ऑडिट के दौरान कथित अनिमितताएं सामने आ रही हैं। जिले की बाड़ी की ग्राम पंचायत उमरेह में सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) के दौरान कई कार्य मौके पर गायब मिले। जबकि इसका भुगतान हो चुका है। खास बात ये है कि टीम के ऑडिट की जानकारी पर आनन-फानन में जेसीबी मशीन से गड्ढे खुदवा कर पोखर कार्य दिखाने का प्रयास किया। टीम ने 13 से 17 जनवरी तक सामाजिक अंकेक्षण किया। अब ग्राम सभा में 18 जनवरी को सामाजिक अंकेक्षण की रिपोर्ट को ग्रामवासियों को पढकर सुनाई जाएगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की सामाजिक लेखा की ओर से सोसायटी शासन जयपुर ने जनवरी माह के द्वितीय चरण के सामाजिक अंकेक्षण को लेकर सोशल ऑडिट टीम का गठन किया है। उक्त टीम ने बाड़ी के ग्राम उमरेह में पहुंची तो यहां मनरेगा से तीन जगह पर कार्य के लिए 42 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन मौके पर कार्य जैसा कुछ नहीं मिला। जबकि कार्य की राशि का भुगतान हो चुका है। अब इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर महात्मा गांधी मनरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन टीम ने किया था। जिसमें मनरेगा में कथित तौर गड़बड़ी मिली हैं।
