


बीकानेर। समीपवर्ती साबनिया में 6 अगस्त को हुई विवाहिता की मौत का मामला हत्या में बदल गया। पीहर पक्ष ने दहेज के लिए परेशान कर विवाहिता की हत्या करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने 6 दिन शव को बाहर निकालकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया है।
महाजन थाने से मिली जानकारी के अनुसार परिवादी टीकू राम पुत्र बीरू राम निवासी 36 पंडितावाली जिला हनुमानगढ़ ने अपने बेटी को दहेज प्रताडऩा करते हुए मारने का आरोप लगाते हुए अपने बेटी के पति सास व ससुर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। टिकुराम ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उसकी बेटी रुकमा देवी की शादी 15 वर्ष पूर्व राजू राम पुत्र फरसा राम मेघवाल निवासी साबणीया के साथ हुई थी। शादी के दो-तीन साल बाद ही उसके ससुराल वाले उसे तंग व परेशान करने लगे। जिसको लेकर उसने समाज के गणमान्य लोगों के साथ लेकर पंचायती में मनमुटाव दूर किया। और बेटी को ससुराल में भेज दिया। मगर उसके बाद फिर से ससुर फरसा राम, सास जस्सी देवी व पति राजूराम दहेज कम लाने का कहकर उसको परेशान करने लगे। उसके पीहर पक्ष के गरीबी का तंज भी कसने लगे। तीन चार महीने पहले जब मेरी बेटी पीहर आई तो उसने बताया कि उसके पति और सास ने वापस नहीं आने का कहकर भेजा है । मैंने अपने दामाद को घर बुलाया तो व 2 महीने बाद आया ओर मेरी बेटी से झगड़ा करने लगा। बेटी रुकमा देवी ने बताया कि उसके पति का किसी अन्य औरत के साथ नाजायज संबंध भी हैं । मगर उसके बाद भी उन दोनों को समझा-बुझाकर वापस उसको उसके ससुराल भेज दिया। मगर गत 7 अगस्त को मेरे भाई हेतराम ने बताया कि मेरी बेटी रुकमा देवी का देहांत हो चुका है। मगर उसकी सूचना मुझे बेटी के ससुराल से नहीं आई है। फिर भी मैं उसके घर पहुंचा तो समाज के लोगों के बीच उसके दाग संस्कार की हामी भर दी। लेकिन मुझे शक है कि मेरी बेटी को जहर देकर मार दिया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की मामले की । जांच लूणकरणसर पुलिस अधीक्षक नारायण बाजिया कर रहे हैं।
महाजन थाने से मिली जानकारी के अनुसार परिवादी टीकू राम पुत्र बीरू राम निवासी 36 पंडितावाली जिला हनुमानगढ़ ने अपने बेटी को दहेज प्रताडऩा करते हुए मारने का आरोप लगाते हुए अपने बेटी के पति सास व ससुर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। टिकुराम ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उसकी बेटी रुकमा देवी की शादी 15 वर्ष पूर्व राजू राम पुत्र फरसा राम मेघवाल निवासी साबणीया के साथ हुई थी। शादी के दो-तीन साल बाद ही उसके ससुराल वाले उसे तंग व परेशान करने लगे। जिसको लेकर उसने समाज के गणमान्य लोगों के साथ लेकर पंचायती में मनमुटाव दूर किया। और बेटी को ससुराल में भेज दिया। मगर उसके बाद फिर से ससुर फरसा राम, सास जस्सी देवी व पति राजूराम दहेज कम लाने का कहकर उसको परेशान करने लगे। उसके पीहर पक्ष के गरीबी का तंज भी कसने लगे। तीन चार महीने पहले जब मेरी बेटी पीहर आई तो उसने बताया कि उसके पति और सास ने वापस नहीं आने का कहकर भेजा है । मैंने अपने दामाद को घर बुलाया तो व 2 महीने बाद आया ओर मेरी बेटी से झगड़ा करने लगा। बेटी रुकमा देवी ने बताया कि उसके पति का किसी अन्य औरत के साथ नाजायज संबंध भी हैं । मगर उसके बाद भी उन दोनों को समझा-बुझाकर वापस उसको उसके ससुराल भेज दिया। मगर गत 7 अगस्त को मेरे भाई हेतराम ने बताया कि मेरी बेटी रुकमा देवी का देहांत हो चुका है। मगर उसकी सूचना मुझे बेटी के ससुराल से नहीं आई है। फिर भी मैं उसके घर पहुंचा तो समाज के लोगों के बीच उसके दाग संस्कार की हामी भर दी। लेकिन मुझे शक है कि मेरी बेटी को जहर देकर मार दिया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की मामले की । जांच लूणकरणसर पुलिस अधीक्षक नारायण बाजिया कर रहे हैं।