बीकानेर। प्रदेश के सरकारी स्कूल्स में एग्रीकल्चर लेक्चरर की भर्ती के संबंध में अब कैबिनेट स्तर पर नियमों में फेरबदल हो सकता है। दरअसल, इस भर्ती के नियमों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। शिक्षा विभाग जहां किसी भी विषय में पीजी करने वाले को लेक्चरर बनाने की सिफारिश कर रहा है, वहीं राजस्थान लोक सेवा आयोग चयनित विषयों में पीजी करने वालों को ही अवसर देने के नियम गिना रहा है। ऐसे में ये नियुक्ति अटकी हुई है।दरअसल, शिक्षा विभाग ने राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2021 में हिंदी संस्करण में सभी कृषि स्नातकोत्तर के विषय शामिल करने का नियम बनाया, लेकिन अंग्रेजी वर्जन में कृषि विज्ञान की एक शाखा शस्य विज्ञान (एग्रोनॉमी) लिखा होने के कारण अन्य विषयों में पीजी करने वाले कैंडिडेट भर्ती से बाहर हो गए। शिक्षा विभाग ने इस गलती को स्वीकार करते हुए आरपीएएसी को पत्र भी लिखा कि किसी भी विषय में पीजी करने वाले कैंडिडेट को पात्र माना जाए। इस पत्र को स्वीकार नहीं किया क्योंकि पहले बना नियम कैबिनेट से स्वीकृत था। ऐसे में बाकी विषय को शामिल करने का नियम भी अब कैबिनेट से स्वीकृत कराया जा रहा है।जानकारी के अनुसार कैबिनेट की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। जिसे स्वीकृति मिलने के साथ ही आरपीएससी किसी भी विषय में पीजी करने वाले कैंडिडेट को भर्ती में शामिल करने के लिए बाध्य हो जाएगा। इसके लिए विभाग ने कैबिनेट नोट तैयार करना शुरू कर दिया है।
कॉपी पेस्ट की सजा दरअसल, शिक्षा विभाग में बने नियमों में कॉपी पेस्ट करने की आदत ने कृषि ग्रेजुएट्स के लिए परेशानी कर दी। हिन्दी में नियमों को पब्लिश करते समय विभाग ने पुराने नियमों को ही कॉपी पेस्ट कर दिया, जबकि अंग्रेजी में बने नियमों में एग्रोनॉमी लिखा रह गया। यहां भी किसी भी विषय में पोस्ट ग्रेजुएट लिखा जाना था। इस एक गलती का खमियाजा अब सभी बेरोजगार ग्रेजुएट्स को भुगतना पड़ रहा है।
एग्रीकल्चर लेक्चरर भर्ती के नियम बदलेंगे,नियमों में हुई गलती सुधारने के लिए कैबिनेट बैठक में आ सकता है प्रस्ताव

