बीकानेर बॉर्डर के गांव खाजूवाला में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में हुए फर्जीवाड़े की जांच के चलते अब तक 95 बच्चियों के नाम सामने आए हैं, जिनके आधार कार्ड में गड़बड़ी कर विधवा-वृद्धावस्था पेंशन उठाई गई है। पेंशन का पैसा बैंक खातों में डलवाने के लिए ई मित्र संचालक बाकायदा कमीशन लेता था। इस मामले को लेकर दूसरे दिन भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकी।फर्जीवाड़े को देखते हुए बीकानेर प्रशासन ने भी पंचायत समितियों में इसकी जांच कराने का फैसला किया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा अनूपगढ़ के खाजूवाला और उदयपुर की सलूंबर, उदयपुर ग्रामीण, झाड़ोल, कोटड़ा, निषभदेव और वल्लभनगर पंचायत में हुआ है। अब तक की छानबीन से इन सभी पंचायतों में 95 बच्चियों के नाम सामने आए हैं, जिनके आधार नंबर से फर्जी तरीके से पीपीओ नंबर लिंक कर विधवा-वृद्धावस्था पेंशन उठाई गई है।बुधवार के अंक में च्च्85 मासूम बच्चियों के आधार से पीपीओ नंबर लिंक कर तीन साल से उठा रहे विधवा-वृद्धावस्था पेंशन, जांच कमेटी बनाईज् शीर्षक से इस गड़बड़झाले का खुलासा किया गया था। उसके बाद अनूपगढ़ और बीकानेर प्रशासन हरकत में आया।
खाजूवाला उपखंड कार्यालय में देर रात तक प्रकरण की जांच चलती रही। मामले की जांच दो स्तर पर की जा रही है। एक टीम में खाजूवाला पंचायत के प्रगति प्रसार अधिकारी तेजदान चारण, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोग्रामर घनश्याम, सहायक लेखाधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कर्मजीत कौर, ग्राम विकास अधिकारी सचिन खत्री शामिल हैं।
बैंक में पेंशन जमा करवाने का कमीशन लेता था ई मित्र संचालक, एफआईआर तक नहीं

