जयपुर.राजेश पायलट को मिजोरम की राजधानी आइजॉल पर साल 1966 में बमबारी में शामिल बताए जाने पर अब सियासी वार पलटवार शुरू हो गया है। सीएम अशोक गहलोत ने 16 अगस्त को राजेश पायलट को भारतीय वायुसेना का वीर पायलट बाताते हुए बीजेपी पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था।गहलोत के ट्वीट पर बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने गुरुवार को पलटवार करते हुए सचिन पायलट को बेइज्जत करने का आरोप लगाया।मालवीय ने ट्वीट किया- चलिए,आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता तो हुई, लेकिन आप सच में उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को अपने मंत्रिमंडल से बेइज्जत करके बर्खास्त नहीं करते।सार्वजनिक रूप से उनके लिए अमर्यादित निकम्मा-नकारा-कोरोना-गद्दार जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल नहीं करते। हर बार जब आपने सचिन पायलट का अपमान किया, तब-तब क्या आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता नहीं हुई?आइजॉल पर बमबारी का मुद्दा उठने के बाद इस लेटर को शेयर किया जा रहा है।
सचिन केंद्रीय मंत्री थे तब खंडन क्यों नहीं किया?
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मालवीय ने आगे लिखा- 1966 में मिजोरम में इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय वायु सेना की ओर से किए गए हवाई हमले में राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी के नाम 2011 में इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबारों में तत्कालीन असम विधानसभा की कार्यवाही में सांसद जीजी स्वेल और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डेंगहुआना का हवाला देते हुए प्रकाशित हुए थे।इसके बाद लगातार मीडिया में ये खबर आती रही। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और सचिन पायलट मंत्री थे, लेकिन इस खबर का कभी खंडन नहीं किया।मालवीय ने लिखा- वैसे, राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला की महिलाओं और बेटियों के लिए इस्तेमाल की गई घटिया भाषा के बारे में आपका क्या कहना है?तीन दिन से राजस्थान में जारी है आईजॉल बमबारी पर पर सियासी वार पलटवारपिछले तीन दिन से आइजॉल बमबारी को लेकर सियासी वार-पलटवार का दौर चल रहा है। मालवीय के ट्वीट पर सबसे पहले 14 अगस्त को सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए सवाल उठाए। अमित मालवीय ने ट्वीट कर दावा किया था कि आइजॉल पर 5 मार्च 1966 को बमबारी करने वाले फाइटर जेट के पायलट राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी थे, इन दोनों को बाद में कांग्रेस ने बड़े पद दिए।सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया- मेरे पिता ने बमबारी की थी, लेकिन मिजोरम पर नहीं, 1971 में पाकिस्तान पर की थी। राजेश पायलट 29 अक्टूबर 1966 को वायुसेना में कमिशंड ऑफिसर बने तो 5 मार्च 1966 को बमबारी कैसे करते।पायलट के ट्वीट के बाद 15 अगस्त को सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट करके बीजेपी पर निशाना साधा।इस ट्वीट में अमित मालवीय ने गहलोत सरकार के साथ पायलट मुद्दे को लेकर भी पलटवार किया।मिजोरम के बहाने मालवीय ने फिर गहलोत-पायलट के झगड़े को सियासी मुद्दा बनायाआइजॉल बमबारी विवाद के बीच अमित मालवीय ने फिर सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच सियासी झगड़े और तल्ख बयानबाजी को रिकॉल कर दिया है।कांग्रेस में पिछले दिनों से गहलोत-पायलट के बीच सियासी सीजफायर के हालात है और एकजुटता दिखाने का प्रयास चल रहा है। ऐसे में अमित मालवीय ने पुराने झगड़े को फिर टॉकिंग पॉइंट तो बना ही दिया है।

