


जयपुर। साइबर जालसाजों ने गुरुवार को राजस्थान शहरी अवसंरचना विकास परियोजना के परियोजना निदेशक कुमार पाल गौतम की फोटो लगाकर विभाग में वित्तीय सलाहकार आरती बागोटिया से 70 हजार रुपए ठग लिए। बागोटिया ने गांधी नगर थाने मेें रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
रिपोर्ट में बताया कि गुरुवार सुबह 8.45 बजे एक वाट्सऐप मैसेज मिला। वाट्सऐप पर परियोजना निदेशक कुमार पाल गौतम की फोटो लगी थी। मैसेज में लिखा था कि 10000 के 30 वाउचर खरीदकर शेयर करें। परिवादिया ने वाउचर शेयर कर फोन किया तो रिसीव करने की बजाय फोन काट दिया। मैसेज आया कि मीटिंग में हूं, बात नहीं कर सकता।
फिर मैसेज आया कि 10000 का नहीं करना। प्रत्येक 10000 रुपए का 30 गिफ्ट कार्ड खरीदिए। फिर कॉल किया तो काट दिया। परिवादिया ने जो वाउचर शेयर किए, उनके स्क्रीन शॉट लेने लगी, तभी मैसेज भेजने वाले ने वाउचर डिलीट कर दिए। बागोटिया ने बैंक अकाउंट में पैमेंट रुकवाया। लेकिन तब तक जालसाजों ने 70 हजार रुपए के वाउचर कैश करवा लिए थे।
गौरतलब है कि 24 जुलाई को आदर्श नगर थाने में प्रमुख शासन सचिव (मेडिकल शिक्षा) के ओएसडी डॉ. सुनील भटनागर ने अमेजन पे-गिफ्ट कार्ड भेजने का झांसा देकर 1.51 लाख रुपए की ठगी करने का मामला दर्ज कराया था। उन्होंने भी रिपोर्ट में बताया कि एक अज्ञात नबंर से वाट्सऐप मैसेज मिला था, जिसमें प्रमुख शासन सचिव की फोटो लगी हुई थी। परिवादी ने इस संबंध में आदर्श नगर थाने में मामला दर्ज कराया था।
इनकी लगाई फोटो
? डीजीपी एम.एल. लाठर और एसीबी डीजी बी.एल. सोनी की एक वाट्सऐप डीपी पर अलग-अलग समय फोटो लगाकर अधीनस्थ अधिकारियों को मदद के लिए रुपए मांगने का संदेश भेजा गया।
? दूसरी नंबर की वाट्सऐप डीपी पर एडीजी दिनेश एम.एन. और मंत्री शांति धारीवाल व शकुंतला रावत की फोटो लगाकर ठगी का प्रयास किया गया।
डीजीपी एम.एल. लाठर, एसीबी डीजी बी.एल. सोनी व एडीजी दिनेश एमएन की फोटो वाट्सऐप डीपी पर लगाकर अधीनस्थों से पैसे मांगने वाले ठगों को पुलिस अभी पकड़ नहीं पाई है। एडि. डीसीपी मोहेश चौधरी के नेतृत्व में 10 साइबर एक्सपर्ट ठगों को पकडऩे में जुटे हैं। पड़ताल में सामने आया है कि जिन दो वाट्सऐप नंबर से पैसे मांगे गए, वे नंबर छह माह पहले सक्रिय हुए थे। ये नंबर फर्जी दस्तावेज के आधार पर जारी करवाए गए हैं।
रिपोर्ट में बताया कि गुरुवार सुबह 8.45 बजे एक वाट्सऐप मैसेज मिला। वाट्सऐप पर परियोजना निदेशक कुमार पाल गौतम की फोटो लगी थी। मैसेज में लिखा था कि 10000 के 30 वाउचर खरीदकर शेयर करें। परिवादिया ने वाउचर शेयर कर फोन किया तो रिसीव करने की बजाय फोन काट दिया। मैसेज आया कि मीटिंग में हूं, बात नहीं कर सकता।
फिर मैसेज आया कि 10000 का नहीं करना। प्रत्येक 10000 रुपए का 30 गिफ्ट कार्ड खरीदिए। फिर कॉल किया तो काट दिया। परिवादिया ने जो वाउचर शेयर किए, उनके स्क्रीन शॉट लेने लगी, तभी मैसेज भेजने वाले ने वाउचर डिलीट कर दिए। बागोटिया ने बैंक अकाउंट में पैमेंट रुकवाया। लेकिन तब तक जालसाजों ने 70 हजार रुपए के वाउचर कैश करवा लिए थे।
गौरतलब है कि 24 जुलाई को आदर्श नगर थाने में प्रमुख शासन सचिव (मेडिकल शिक्षा) के ओएसडी डॉ. सुनील भटनागर ने अमेजन पे-गिफ्ट कार्ड भेजने का झांसा देकर 1.51 लाख रुपए की ठगी करने का मामला दर्ज कराया था। उन्होंने भी रिपोर्ट में बताया कि एक अज्ञात नबंर से वाट्सऐप मैसेज मिला था, जिसमें प्रमुख शासन सचिव की फोटो लगी हुई थी। परिवादी ने इस संबंध में आदर्श नगर थाने में मामला दर्ज कराया था।
इनकी लगाई फोटो
? डीजीपी एम.एल. लाठर और एसीबी डीजी बी.एल. सोनी की एक वाट्सऐप डीपी पर अलग-अलग समय फोटो लगाकर अधीनस्थ अधिकारियों को मदद के लिए रुपए मांगने का संदेश भेजा गया।
? दूसरी नंबर की वाट्सऐप डीपी पर एडीजी दिनेश एम.एन. और मंत्री शांति धारीवाल व शकुंतला रावत की फोटो लगाकर ठगी का प्रयास किया गया।
डीजीपी एम.एल. लाठर, एसीबी डीजी बी.एल. सोनी व एडीजी दिनेश एमएन की फोटो वाट्सऐप डीपी पर लगाकर अधीनस्थों से पैसे मांगने वाले ठगों को पुलिस अभी पकड़ नहीं पाई है। एडि. डीसीपी मोहेश चौधरी के नेतृत्व में 10 साइबर एक्सपर्ट ठगों को पकडऩे में जुटे हैं। पड़ताल में सामने आया है कि जिन दो वाट्सऐप नंबर से पैसे मांगे गए, वे नंबर छह माह पहले सक्रिय हुए थे। ये नंबर फर्जी दस्तावेज के आधार पर जारी करवाए गए हैं।