


जयपुर।रोहित गोदारा से गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या का बदला लेने के लिए विधायकों को धमकाने वाले बदमाशों ने कई खुलासे किए हैं। आरोपियों ने दो नहीं बल्कि चार विधायकों सहित कई लोगों को धमकी दी थी। इनमें BJP के कद्दावर नेता व राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी शामिल हैं।इसके अलावा सुजानगढ़ MLA मनोज मेघवाल और श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को भी जान से मारने की धमकी दी थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी धमकी दी गई थी। हालांकि मुकदमा केवल लाडनूंं MLA मुकेश भाकर और रतनगढ़ MLA अभिनेष महर्षि ने ही दर्ज करवाया।पुलिस पड़ताल में ये भी खुलासा हुआ है कि इस साजिश के मास्टरमाइंड संजय चौधरी और पवन गोदारा की ठेहट गैंग से नजदीकियां कोई बहुत ज्यादा पुरानी नहीं थी। पवन गोदारा तो गैंगस्टर ठेहट का महज एक फेसबुक फॉलोअर ही था। वही, संजय भी राजू ठेहट के भाई ओमा के जेल जाने के बाद ही उसके ज्यादा करीब पहुंचा था। ठेहट मर्डर से महीने भर पहले तक संजय हर समय उसके साथ नजर आ रहा था।नेता प्रतिपक्ष राठौड़ से कहा- लिमिट में रह, तू जिंदा नहीं बचेगा 25 मार्च को पवन राजस्थान से कुवैत के लिए रवाना हो गया था। वहां पहुंचने के बाद उसे संजय चौधरी ने विधायकों और बड़ी शख्सियतों के नंबर भेज दिए। 3 अप्रैल को लाडनूं MLA मुकेश भाकर और 12 अप्रैल को रतनगढ़ MLA अभिनेष महर्षि को गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से जान से मारने की धमकी दी।इस बीच 11 अप्रैल को पवन ने राजस्थान बीजेपी के कद्दावर नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भी उनके लैंडलाइन नंबर पर कॉल करके धमकाया था। हालांकि तब प्रतिपक्ष नेता राठौड़ ने गोपनीय तरीके से DGP को शिकायत भेज दी और कोई मामला दर्ज नहीं करवाया था।भास्कर ने प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ से बात की तो उन्होंने माना कि ये सही है कि 11 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर मेरे लैंडलाइन नंबर पर एक कॉल आया था। उसने मेरे PA प्रदीप जांगिड़ से बात करते हुए कहा कि ‘राजेंद्र राठौड़ से बोल देना कि उसे जान से खत्म कर देंगे।’उसने आगे कहा- आज से पहले जो भी धमकी दी थी, वो भी मैंने ही दी थी। पहले तो वो बच गया, इस बार ध्यान से रहना। आजकल बहुत रैलियां कर रहा है। तू जब से नेता प्रतिपक्ष बना है, ज्यादा पंख लग गए हैं। ये बोल देना उसे।राठौड़ ने बताया कि मेरे PA जांगिड़ ने जब धमकी दे रहे शख्स से उसका नाम पूछा तो उसने कहा कि ‘नाम जानकार क्या कर लोगे? पहले भी मेरे द्वारा धमकी दी गई थी, क्या कर लिया तूने? तू और तेरा साहब क्या बिगाड़ लोगे मेरा? ‘धमकी मिलने के तुरंत बाद राजेंद्र राठौड़ ने DGP को चिट्ठी लिखकर जानकारी दी। उन्हें अवगत कराया कि इससे पहले भी उन्हें धमकी भरे कॉल्स मिले थे। हालांकि उन्होंने इसे लेकर कोई मामला दर्ज नहीं करवाया था। वह इसे ज्यादा सीरियस नहीं मान इग्नोर कर गए थे।
राजेन्द्र राठौड़ ने DGP को पत्र लिखकर धमकी भरे कॉल के बारे में अवगत करवाया था।MLA मनोज मेघवाल को दी धमकी- सुजानगढ़ को जिला बनवाओ वरना….
दोनों आरोपियों संजय और पवन ने पुलिस पूछताछ में बताया कि जब उन्हें ये विश्वास हो गया कि अब वो कभी भी पकड़े नहीं जा सकते तो उन्होंने ठेहट मर्डर के बदले के अलावा भी कुछ और कामों के लिए धमकियां दीं। पवन ने बताया कि राजस्थान में नए जिले बनाए गए थे, लेकिन सुजानगढ़ का उस लिस्ट में नाम नहीं था।
इसको लेकर आंदोलन चल रहा था। भावनाएं उफान पर थीं और वो चाहता था कि हर हाल में सुजानगढ़ जिला बनना चाहिए। ऐसे में उसने सुजानगढ़ से कांग्रेस विधायक मनोज मेघवाल को फोन कर धमकाया कि सुजानगढ़ को अगर जिला नहीं बनाया तो तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगा। ये धमकी भी MLA मनोज मेघवाल को गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से दी गई थी।वहीं, इस मामले को लेकर हमने सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल से बात की तो उन्होंने हमें बताया कि जिला बनाने को लेकर कई कॉल्स आती थीं। उन्हीं दिनों उन्हें संदिग्ध नंबरों से कॉल जरूर आए थे, पर कभी उनकी बात नहीं हुई।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी धमकाने के लिए लगाए कॉल पुलिस जांच में पवन गोदारा के मोबाइल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मोबाइल नंबर सर्च किए जाने की सर्च हिस्ट्री मिली। ये देखकर पुलिस हैरान रह गई। पूछताछ में पवन ने बताया कि संजय के कहने पर ही उसने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के फोन नंबर इंटरनेट पर सर्च किए। नंबर हाथ लगने के बाद उन पर भी 2-3 बार कॉल लगाए, लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से फोन रिसीव ही नहीं किया गया। दोनों गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धमकाना चाहते थे।पुलिस पूछताछ में संजय और पवन ने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को भी कॉल कर धमकाने की बात कबूली है। हालांकि हमने इसे लेकर गोगामेड़ी से बात करने के प्रयास किए पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।अब जानिए- संजय चौधरी क्यों गैंगस्टर ठेहट की मौत का बदला लेना चाहता था? क्यों एक फेसबुक फॉलोअर उसके प्लान में शामिल हो गया?ठेहट गैंग का वर्चस्व कायम रखना चाहता था संजय चौधरी पुलिस पूछताछ में संजय चौधरी ने बताया कि ठेहट मर्डर से कुछ समय पहले के कई सोशल मीडिया के वीडियोज और फोटो में वो गैंगस्टर राजू ठेहट के साथ था। ठेहट के भाई ओमा के जेल जाने के बाद वो ही ठेहट का खासमखास बना हुआ था। पड़ताल में ये भी सामने आया है कि इसके चलते ठेहट गैंग के कई गुर्गे उससे जलते थे। ठेहट मर्डर के बाद विरोध प्रदर्शन से लेकर सबसे ज्यादा वो ही हाइलाइट हुआ था।यही कारण था कि उसे हर समय ये डर रहता कि कई वो अब गैंगवार का शिकार न हो जाए। वहीं गैंगस्टर ठेहट की मौत के बाद गैंग के कमजोर होने का भी खतरा था। ऐसा होता तो वो और ठेहट के दूसरे गुर्गे एंटी गैंग्स के लिए आसान शिकार बन जाते। यही सोचकर वो ठेहट गैंग को जिंदा रखते हुए उसका वर्चस्व कायम रखना ही चाहता था और साथ ही साथ एंटी गैंग्स से बदला लेकर उन्हें कमजोर भी करना चाहता था।फेसबुक फॉलोअर ने संजय को किया मैसेज, भाई साहब की मौत का बदला लेना है पड़ताल में ये भी सामने आया है कि प्रदेश के कई विधायकों को धमकाने वाले दोनों आरोपी एक-दूसरे को जानते तक नहीं थे। एक दिन संजय को फेसबुक मैसेंजर पर एक मैसेज मिलता है, जिसमें लिखा था- ‘भाई साहब की मौत का बदला लेना है’। पता चला कि मैसेज करने वाला शख्स तालछापर का रहने वाला पवन पुत्र दानाराम गोदारा है। पवन गैंगस्टर राजू ठेहट का फेसबुक फॉलोअर था और उसका अंधभक्त भी।लाल गोले में संजय चौधरी लाडनूं विधायक मुकेश भाकर के साथ।पुलिस पूछताछ में पवन ने बताया कि उसने ठेहट के मर्डर से पहले कई वीडियो और फोटो में संजय चौधरी को ही गैंगस्टर राजू के साथ देखा था। उसने सोचा कि अब ठेहट गैंग को संजय चौधरी ही ऑपरेट कर रहा होगा। ऐसे में उसने संजय को फेसबुक मैसेंजर पर मैसेज किए थे। दोनों का मकसद एक था, ऐसे में धीरे-धीरे दोनों ने वॉट्सऐप पर चैटिंग से बातें करनी शुरू कर दी। पवन ने संजय को बताया कि वो कुवैत में एक ठेकेदार के यहां नौकरी करता है। जल्दी ही इंडिया आने वाला है। इसके बाद पवन के इंडिया आने तक दोनों वॉट्सऐप और फेसबुक मैसेंजर से ही चैटिंग के जरिए कॉन्टैक्ट में रहे।एक बार भी नहीं मिले और बना लिया खौफनाक प्लान इस बीच पवन कुवैत से इंडिया पहुंचा और उसने संजय से वॉट्सऐप कॉल पर बात की। संजय ने पवन से कहा कि भाई साहब (गैंगस्टर राजू ठेहट) की मौत का बदला लेने के लिए गैंगस्टर रोहित गोदारा को भारत लाना पड़ेगा। वहीं, यहां राजस्थान में मौजूद उसके गुर्गों को पकड़वाकर उसकी गैंग को कमजोर करना भी बेहद जरूरी है। इसके उलट पुलिस ऐसी कोई कार्रवाई कर नहीं रही है।
पवन ने संजय को बताया कि पुलिस गरमागरम मामलों में ही ज्यादा लोड लेती है। जब तक राजस्थान में गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम का बवंडर नहीं मचेगा, पुलिस कुछ नहीं करेगी। ऐसे में हमें गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से कुछ बड़ा खेल करना चाहिए, इससे पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ेगा। पुलिस कार्रवाई से उसकी गैंग भी कमजोर होगी और वो भारत भी आएगा। इसके बाद ही बदला लिया जा सकेगा।दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी के बाद पवन गोदारा। कुवैत से लौटते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।इस प्लान को सुनने के बाद ही संजय ने पवन से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान पवन ने संजय को बताया कि अगर वो विदेशी नंबरों से राजस्थान के चुनिंदा विधायकों व बड़ी शख्सियतों को रोहित गोदारा के नाम से जान से मारने की धमकियां देंगे तो पुलिस पर दबाव बनेगा। इस दौरान पवन ने संजय को कुवैत में चलने वाली एक ऐसी हाईटेक टेक्नोलॉजी के बारे में बताया, जिसमें पकड़े जाने का कोई खतरा नहीं था। ऐसे में संजय इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए तैयार हो गया था।पवन वर्क वीजा पर गया कुवैत, प्लान पर शुरू किया एक्शन पवन ने सबसे पहले कुवैत के लिए वर्क वीजा अप्लाई कर दिया। वीजा अप्रूवल आते ही 25 मार्च को पवन कुवैत के लिए रवाना हो गया। वहां जाकर वह अपने एक परिचित ठेकेदार के पास रहने लग गया।संजय ने भेजे विधायकों के नंबर, ITELL सॉफ्टवेयर से धमकी भरे कॉल्स पवन ने कुवैत पहुंचने के बाद वहां ITELL सॉफ्टवेयर और एक फर्जी मोबाइल सिम खरीदी। दरअसल, कुवैत से भारत में नेट कॉलिंग के लिए ITELL सॉफ्टवेयर का सहारा लेना पड़ता है। इस सॉफ्टवेयर से की जाने वाली कॉल्स को भारत में नेपाल और बांग्लादेश की बॉर्डर से लगते इलाकों में कई लोग सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी द्वारा भारत में किसी भी पर्सनल मोबाइल पर लिंक कर देते हैं। इससे कॉल करने वाले के ओरिजिनल नंबर की बजाय कोई रेंडम मोबाइल नंबर ही मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देता है।सिम बॉक्स भी 50 और 100 अलग-अलग नंबरों का जुगाड़ प्रोवाइडर होता है। इससे जो कॉल रिसीव करता है, उसके पास बॉक्स के 50 और 100 अलग-अलग नंबरों में से किसी एक रेंडम नंबर से कॉल जाता है। इन नंबरों पर रिटर्न कॉल भी संभव नहीं है। ऐसे में इस टेक्नोलॉजी से विदेश में बैठे कॉलर को ट्रेस करना असंभव ही होता है। यही सोचकर पवन ने वेस्ट बंगाल में सिम बॉक्स ऑपरेट करने वाले से कुवैत की फर्जी सिम से बात कर कॉलिंग का मामला भी सेट कर लिया। इस खबर में पोल भी दिया गया है, आगे बढ़ने से पहले आप अपनी राय दे सकते हैं…।
अप्रैल में विधायकों को मिलने लगीं धमकियां पवन ने 3 अप्रैल को ठीक 11 बजे कुवैत की फर्जी सिम से वेस्ट बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर के समीप गांव में सिम बॉक्स ऑपरेटर को कॉल लगाया और उसे लाडनूंं विधायक मुकेश भाकर के नंबर देते हुए उस पर अपनी कॉल को डायवर्ट करने के लिए कहा। सिम बॉक्स ऑपरेटर ने कॉल डायवर्ट कर दी, जैसे ही भाकर ने कॉल उठाया तो पवन बोला, रोहित गोदारा बोल रहा हूं, तुझे जल्दी ही जान से मार दूंगा। इस घटना के बाद 7 अप्रैल को MLA भाकर ने नागौर SP राममूर्ति जोशी को पूरे मामले की जानकारी दी और मुकदमा भी दर्ज करवा दिया।रतनगढ़ विधायक अभिनेष महर्षि ने धमकी मिलने के बाद थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था।रतनगढ़ MLA महर्षि से मांगे 2 करोड़ रुपए लाडनूंं MLA भाकर को धमकी मिलने के बाद नागौर पुलिस ने उन्हें सिक्योरिटी दे दी। प्लानिंग के मुताबिक संजय जैसा खौफ पैदा करना चाहता था, वैसा हुआ नहीं। ऐसे में पवन गोदरा ने वही पुरानी प्रोसेस दोहराते हुए 12 अप्रैल को रतनगढ़ MLA अभिनेष महर्षि को कॉल लगा कर रोहित गोदारा के नाम से जान से मारने की धमकी दी और 2 करोड़ रुपए की प्रोटेक्शन मनी मांगी। MLA महर्षि ने भी मुकदमा दर्ज करवा दिया और इसके बाद उन्हें भी पुलिस ने सुरक्षा दे दी।विधायकों को धमकियों से पुलिस पर बढ़ रहा था दबाव, खुलासे के लिए बनी स्पेशल टीम
विधायकों को मिल रही धमकियों से राजस्थान पुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा था। ऐसे में नागौर SP राममूर्ति जोशी ने ASP अधीक्षक विमल सिंह के नेतृत्व में लाडनूंं CO राजेश ढाका, खींवसर SHO अशोक बिस्सू व साइबर सेल को शामिल कर स्पेशल टीम बनाई। स्पेशल टीम ने टेक्निकल तरीके से इन्वेस्टिगेशन स्टार्ट किया तो सामने आया कि विधायकों को जो थ्रेट कॉल्स किए गए, वो वेस्ट बंगाल और त्रिपुरा बॉर्डर के पास से थे। ऐसे में टीम पड़ताल के लिए वेस्ट बंगाल और त्रिपुरा बॉर्डर पहुंची।
वहां पता चला कि जिन नंबर्स से कॉल की गई, वो तो रियल थे ही नहीं। ये सभी कॉल्स सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी से किए गए थे। इसके बाद उस इलाके में सिम बॉक्स ऑपरेट करने वाले लोगों की पड़ताल की गई। सभी ऑपरेटर्स के पास 3 अप्रैल और 12 अप्रैल को आई और डायवर्ट की गई कॉल्स को खंगाला गया। तकरीबन 5 से 7 हजार नंबर चेक किए तो एक ऑपरेटर के यहां से लाडनूंं विधायक मुकेश भाकर को डायवर्ट हुई कॉल मिल गई।
खींवसर थाना पुलिस की गिरफ्त में संजय चौधरी और पवन गोदारा।पड़ताल में पता चला, कुवैत के नंबर से आई थी कॉल पुलिस टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि जो कॉल लाडनूंं विधायक मुकेश भाकर को धमकाने के लिए की गई थी, उसके लिए कुवैत के मोबाइल नंबर से लाइन ली गई थी। अब पुलिस टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी उन नंबरों का पता लगाना, जहां से कॉल कर धमकी दी गई। सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी को क्रैक कर टीम ने वो नंबर भी पता लगा लिए, लेकिन बावजूद ये पता लगाना लगभग नामुमकिन हो गया था कि विधायक भाकर और महर्षि को किसने धमकाया?
एक बचकानी गलती और पुलिस टीम को मिल गई सफलताइस बीच कुवैत की उसी फर्जी सिम से शातिर पवन ने एक बचकानी गलती कर दी। उसने उसी सिम से इंटरनेट यूज करते हुए सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल किया। जैसे ही ये हुआ तो साइबर टीम एक्टिवेट हो गई। पड़ताल में पता चला कि सुजानगढ़ इलाके के पवन गोदारा ने सोशल मीडिया प्रोफाइल को ऑपरेट किया है।इसके बाद पुलिस टीम ने मुखबिर तंत्र और टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए ये पता लगा लिया कि पवन गोदारा हाल में कुवैत गया हुआ है। उसके कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों से पता चला कि उसका ट्रैवल वीजा पूरा होने वाला है और अब वो अगले 5-7 दिन में इंडिया आने वाला है। इसके बाद 2 जून को जैसे ही पवन कुवैत से दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां पहले से मौजूद खींवसर SHO अशोक बिस्सु ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पवन से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ कि पूरी प्लानिंग का मास्टरमाइंड संजय चौधरी है। ऐसे में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।लाडनूं CO राजेश ढाका ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपियों ने कबूला है कि उन्होंने लाडनूं MLA मुकेश भाकर और रतनगढ़ MLA अभिनेष महर्षि के अलावा विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़, सुजानगढ़ से कांग्रेस MLA मनोज मेघवाल और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को भी धमकी के कॉल किये थे। दोनों आरोपी संजय और पवन एक दूसरे को पहले से नहीं जानते थे। सोशल मीडिया पर ही दोनों नजदीक आए और बाद में ये प्लान बना लिया।
