


श्रीगंगानगर ,इलाके में बिगड़े मौसम ने बुधवार को बिजनेस पर भी असर डाला। निर्जला एकादशी पर आमतौर पर जिले में बिजनेस काफी तेज रहता है। इस मौके पर फलों के साथ चीनी, शर्बत, ठंडाई, कोल्ड ड्रिंक आदि का बिजनेस खूब होता है। शहर में लगने वाली छबीलों पर एक ही दिन में दो सौ तीन सौ बोतल शर्बत और चालीस से पचास बोतल तक ठंडाई का इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही सॉफ्ट ड्रिंक, जलजीरा की भी खूब डिमांड रहती है। शहर के व्यापारियों के लिए निर्जला एकादशी फायदा कमाने का अच्छा मौका होता है, लेकिन बुधवार को ऐसा हुआ। अन्य वर्षों के मुकाबले इस साल न तो इतनी छबीलें लगी और न ही इन पर ठंडा पानी पीने के लिए ज्यादा लोग उमड़े।
पहले के मुकाबले दस प्रतिशत छबीलेंश्रीगंगानगर की बात करें तो अकेले शहरी इलाके में ही निर्जला एकादशी पर सौ से ज्यादा छीबलें लगती हैं। हर छबील पर दो से तीन बोतल शर्बत की भी खपत हो तो अकेले श्रीगंगागनर शहर में ही दो से तीन सौ बोतल शर्बत की खपत होती है, लेकिन बुधवार काे श्रीगंगानगर शहर में ही महज से दस से बारह जगह ही छबीलें दिखीं। इन पर भी लोग शर्बत पिलाने के लिए आग्रह करते दिखे।इन इलाकों में नजर आई छबीलश्रीगंगानगर शहरी इलाके में विश्वकर्मा मंदिर के सामने, पुरानी आबादी थाने के सामने मंदिर के पास, बीरबल चौक, गोल बाजार सहित शहर में करीब दस जगह छबीलें नजार आई। ठंडे मौसम के चलते यहां भी बर्फ की ज्यादा खपत नही हुई। शहर के तह बाजार में दुकान चलाने वाले रमेश कुमार बताते हैं कि उन्होंने इस बार पहले से काफी शर्बत और ठंडाई निर्जला एकादशी के मद्देनजर मंगवाई लेकिन मंगलवार देर रात बरसात के बाद लोगों ने इसकी खरीद में रुचि ही नहीं दिखाई।शहर में लगी एक छबील में सेवा दे रहे विनय कुमार का कहना था कि वह इस बार छबील में सेवा जरूर दे रहा है लेकिन इस बार छबील पर पानी वाले लोग कम हैं। इसके अलावा छबीलें लगी भी काफी कम हैं। सेवादार आग्रह कर-करके लोगों को पानी पिला रहे हैं।
