


जयपुर। राजस्थान में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर आज भी कहर बरपा सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर जोधपुर, जयपुर, बीकानेर के अलावा अजमेर संभाग के कुछ जिलों में देखने को मिलेगा। यहां आज भी ७०-८०्यरू प्रति घंटे की रफ्तार से तेज अंधड़ आ सकते हैं। इसके साथ ही तेज बारिश के दौरान बिजली भी गिर सकती है।
इस स्थिति को देखते हुए जयपुर मौसम केंद्र ने ७ जिलों के लिए ऑरेंज और तीन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए बारिश-आंधी के समय सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।इससे पहले पिछले २४ घंटे में उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के जिलों में अंधड़ ने जबरदस्त तबाही मचाई। कई जगह पेड़, मोबाइल टॉवर, कच्ची दीवारें गिर गई। ८०्यरू की स्पीड से भी ज्यादा तेज आए इस अंधड़ के कारण बीकानेर, जोधपुर और नागौर एरिया के आसमान में धूल का गुबार छा गया और विजिबिलीटी भी बहुत कम हो गई थी। वहीं, जैसलमेर में ओले गिरने से दादा-पोते की मौत हो गई तो अजमेर के सोजत में इतनी तेज हवा चली कि मालगाड़ी पर रखे लोहे के कंटेनर प्लेटफॉर्म पर पलट गए।बीकानेर में ११ साल में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड
बीकानेर में रविवार दोपहर बाद बदले मौसम से हुई तेज बारिश ने ११ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। साल २०१४ में १७ मई को ५०.४रूरू बरसात एक दिन में हुई थी, लेकिन कल ७२.८रूरू बरसात हुई, जो पिछले ११ साल में मई महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा दर्ज की गई। इधर, जोधपुर में भी कल देर रात जमकर बारिश हुई। यहां ४८रूरू बारिश दर्ज हुई। जोधपुर-बीकानेर के अलावा कल डूंगरपुर, हनुमानगढ़, चूरू, सवाई माधोपुर, झुंझुनूं, बारां, झालावाड़, जैसलमेर, नागौर, बांसवाड़ा समेत कई जिलों में बारिश हुई।१ जून तक होगी बारिश
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बैक टू बैक दो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने से आंधी-बारिश का दौर १ जून तक चलेगा। आज और कल तो कई जगह आंधी के साथ मध्यम से भारी बारिश भी हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन मध्य पाकिस्तान और एक हरियाणा के ऊपर बना हुआ है। इन सभी सिस्टम के कारण वेदर एक्टिविटी १ जून तक होती रहेगी।जैसलमेर के रामदेवरा में बारिश और ओलावृष्टि में दादा-पोते की मौत जैसलमेर के रामदेवरा में रविवार को अचानक से हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण बकरी चरा रहे दादा-पोते की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार रामदेवरा के भील बस्ती निवासी कानाराम (५५) पुत्र भाखरराम और उसका पोता विक्रम (१२) पुत्र देवाराम रविवार को दिन में बकरी चराने मावा गांव की तरफ गए थे। तभी दोपहर एक बजे के करीब बारिश और ओलावृष्टि शुरू हुई।
दादा-पोते देर शाम तक घर नहीं लौटे तो घरवालों ने तलाश शुरू की। देर रात करीब ११ बजे दोनों के शव सुनसान जगह पर पड़े मिले। परिजनों ने बताया कि ओलावृष्टि के दौरान सुरक्षित जगह नहीं मिलने से दोनों की मौत हो गई। वहीं, ओलावृष्टि से पांच बकरियों की भी मौत हो गई।
डूंगरपुर १८ घंटे अंधेरे में डूबा डूंगरपुर में रात १० बजे बारिश के साथ आए तूफान से शहर से लेकर गांवों में भारी नुकसान हुआ है। कई जगह पेड़ गिर गए। कई मकानों की दीवारें गिरने, टीन शेड उडऩे से नुकसान हुआ है। वहीं, बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर ओर तार गिरने से सबसे बड़ा नुकसान बिजली निगम को हुआ है। इस वजह से डूंगरपुर शहर समेत कई गांव १८ घंटों से भी ज्यादा समय से अंधेरे में डूबे रहे। बारिश में एक मजदूर की जान चली गई।
