


हनुमानगढ़. टाउन के एफसीआई गोदाम में आने व जाने के लिए अभी तक विकल्प नहीं निकाला है। रिहायशी इलाके से ट्रकों की आवाजाही होने से नागरिक परेशान है। हालांकि ट्रकों की आवाजाही के लिए गत वर्ष में कृषि विपणन बोर्ड की ओर से 50 लाख रुपए की लागत से सडक़ का निर्माण किया गया था। इस मार्ग की चौड़ाई बीस फीट है। जगह कम होने के कारण एफसीआई गोदाम में आने व जाने के लिए ट्रक चालक अलग-अलग रास्तों से होकर गुजरते हैं। एफसीआई गोदाम में आने के लिए ट्रक पारीक कॉलोनी से होकर आते हैं और गोदाम से गेहूं का उठाव कर इसी के पास स्थित मार्ग से होते हुए मीरा कॉलोनी और यहां से मुख्य मार्ग होते हुए कोहले वाली नहर तक पहुंचते हैं। ऐसे में रिहायशी इलाके में ट्रक व ट्रोलो की आवाजाही से इलाकावासी काफी समय से परेशान हैं। इलाके के पार्षद भी नया विकल्प तलाशन के लिए कई बार जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप चुके है। लेकिन एफसीआई की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं किया।
कई बार हो चुके हादसा
रिहायशी इलाके में ट्रकों की आवाजाही के कारण हादसे होने की आशंका रहती है। बच्चों को घर से बाहर भेजने के दौरान परिवार के सदस्यों को डर लगा रहता है। वहीं ट्रकों के कारण विद्युत तारें भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसकी वजह से कई घंटों तक विद्युत सप्लाई बाधित रहती है। यहां के नागरिक कई दफा रोष प्रकट कर चुके हैं।
जांच की नहीं, एनओसी देदी
टाउन का कॉलेज फाटक बंद करवाने से पहले जिला प्रशासन ने जांच तक नहीं की और 2017 में एनओसी जारी कर दी। एनओसी जारी करने से पहले किसी के ध्यान में यह तक नहीं आया है कि कॉलेज फाटक को बंद कर दिया गया तो एफसीआई गोदाम की आवाजाही कैसे होगी। इसी एनओसी के आधार पर रेलवे ने करीब दो करोड़ की लागत से अंडरपास का निर्माण कर कॉलेज फाटक को बंद कर दिया। इसकी वजह से रेलवे लाइन के उस पार एफसीआई गोदाम में आने व जाने के लिए ट्रक कोहला नहर से होते हुए मोहल्लों का रास्ता अपनाते हैं। इन रिहायशी इलाके में ट्रकों के गुजरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जानकारी के अनुसार इस भारतीय खाद्य निगम के गोदाम की क्षमता 63720 मेट्रिक टन है। सरकार की विभिन्न योजना एनएफएसए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में वितरित होना प्रस्तावित है। हनुमानगढ़ में सरकार की विभिन्न योजनाओं में खाद्यान वितरण का मुख्य केंद्र यही गोदाम है। इसके अलावा हनुमानगढ़ टाउन मंडी में अनुमानित गेहूं की खरीद 1.30 मेट्रिक टन होती है। जिसमें से आधी खरीद का भण्डारण भी इसी एफसीआई गोदाम में होता है।
अंडरपास ही विकल्प
एफसीआई गोदाम की आवाजाही ठप होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी हरकत में आए थे और एक बार केवल विकल्प के तौर पर एफसीआई गोदाम के पास से सडक़ का निर्माण करवाने का निर्णय लिया था। वहीं एफसीआई गोदाम के लिए अलग से अंडरपास होने का ठोस समाधान निकाला गया था। अंडरपास निर्माण को लेकर ना तो एफसीआई की ओर से कोई योजना तैयार की गई है और ना ही स्थानीय प्रशासन ने इसके बाद इस पर कोई विचार किया।
